मृत्यु की तरह कांग्रेस को भी बदनाम न होने का वरदान मिला है : मोदी
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने जहां संसद चलने देने के लिए विपक्ष का आभार व्यक्त किया वहीं कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि मृत्यु को वरदान है कि वह कभी बदनाम नहीं होती, ठीक वैसे ही कांग्रेस को भी वरदान मिला हुआ है, उसे भी बदनामी नहीं मिलती। मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि इस बार सभी सदस्यों ने राष्ट्रपति की बात मानकर संसद में चर्चा में हिस्सा लिया और लोकसभा में कल रात 12 बजे तक चर्चा होती रही। इसके बावजूद किसी के चेहरे पर थकान का नामोनिशां तक नहीं दिखा। लोकसभा की ही तरह उन्होंने राज्यसभा में भी क्रांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- मृत्यु कभी बदनाम होती है। किसी की मौत होती है तो हम कोई न कोई कारण बता देते हैं। इसी तरह हम जब कांग्रेस पर कोई आरोप लगाते हैं तो कहा जाता है कि विपक्ष की आलोचना हुई, कांग्रेस की बदनामी नहीं होती है।
मोदी ने बजट सत्र में अब तक सत्र अच्छेे से चलने पर खुशी जताते हुए कहा कि प्रश्नकाल अपने आप में सदस्यों की संपत्ति की तरह है । जरूरी मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करना , जैसी कई बातों के लिए सबसे ताकतवर समय है प्रश्नकाल। भाषण का अंत करते हुए उन्होंने निदा फाजली की यह गजल पढ़ी-
सफर में धूप तो होगी, जो चल सको तो चलो
सभी हैं भीड़ मे तुम भी निकल सको तो चलो।
इधर उघर कई मंजिल हैं, चल सको तो चलो,
बने बनाए हैं सांचें जो ढल सको तो चलो।
किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं,
तुम अपने आप को बदल सको तो चलो।
कहीं नहीं कोई सूरज, धुआं धुआं है फिजा खुद,
अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो।
|