जेटली के बजट में यूथ के लिए क्या?
मोदी सरकार का बहुप्रतीक्षित आम बजट आ चुका है। अब यह तो विश्लेषण के बाद पता चलेगा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस परीक्षा में पास हुए या फेल । वैसे आम तौर पर ग्रामीण कहे जा रहे इस बजट में युवाओं के लिए भी अच्छे खासे प्रावधान हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बजट गांवों और किसानों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। उत्तर प्रदेश जैसे महत्त्वपूर्ण राज्य में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखें तो ऐसा होना स्वाभाविक भी है। लेकिन इसके बावजूद इस बजट में ऐसी अनेक घोषणायें शामिल हैं जिनका फायदा सीधे तौर पर देश की युवा आबादी को मिलेगा। आइये एक नजर डालते हैं ऐसी ही घोषणाओं पर:
उच्च शिक्षा
आम बजट में उच्च शिक्षा विकास के लिये 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसका सीधा फायदा देश के उच्च शिक्षा छात्रों और शोधार्थियों को मिलने वाले अनुदान और फेलोशिप आदि पर पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि बजट की कमी के चलते सरकार ने गत वर्ष छात्रों की फेलोशिप पर कुछ सीमायें तय की थीं जिनके बाद राजधानी नई दिल्ली में यूजीसी भवन के सामने छात्रों का आंदोलन आरंभ हुआ था जो अब तक जारी है।
शिक्षा के क्षेत्र में शोध एवं विकास की बात करें तो हमारे देश का नंबर बहुत नीचे आता है। ऐसे में 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान निश्चित तौर पर न केवल छात्रों और शोधार्थियों का उत्साह बढ़ायेगा बल्कि शोध एवं विकास को भी गति देगा।
स्किल इंडिया
वित्त मंत्री के बजट भाषण में एक अहम घोषणा स्किल इंडिया यानी प्रधानमंत्री की कौशल विकास योजना से संबंधित रही। इसके तहत अगले तीन सालों के दौरान देश के एक करोड़ युवाओं को विभिन्न कौशल में दक्ष किया जाएगा। देश की बढ़ती युवा आबादी और रोजगार की समस्या को देखते हुए इसे बहुत बड़ी घोषणा माना जा सकता है। इससे युवाओं में न केवल स्वरोजगार की उत्पत्ति होगी बल्कि वे दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे। प्रधानमंत्री लगातार विनिर्माण, स्टार्ट अप आदि योजनाओं को बढ़ावा देने की घोषणायें करते रहे हैं। जाहिर है स्किल इंडिया से जुड़ी यह घोषणा भी इसका विस्तार है।
बजट की घोषणा में यह भी कहा गया कि देश भर में करीब 1500 मल्टी स्किल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोले जायेंगे जहां 75 लाख से अधिक युवाओं को कौशल संपन्न बनाया जाएगा।
ग्रामीण विकास
वित्त मंत्री ने आम बजट में ग्रामीण विकास के लिए 87,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। मनरेगा योजना के लिए आवंटन बढ़ाकर 38,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है। कहना न होगा कि देश की युवा आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा गांवों में रहता है और उसके पास रोजगार नहीं है। ये तमाम युवा इस आवंटन से लाभान्वित होंगे। ग्रामीण विकास की राशि का एक बड़ा हिस्सा निर्माण योजनाओं और रोजगार सृजन में जाएगा। मनरेगा की राशि का फायदा उन युवाओं को मिलेगा जो अकुशल और अद्र्घकुशल हैं। इसके तहत 5 लाख कुंए और तालाब खोदे जाएंगे। ये कुंए और तालाब देश में लगातार बढ़ते जल संकट को दूर करने में काम आएंगे।
स्टार्ट अप इंडिया
इस बजट में अपना स्टार्ट अप शुरू करने वालों के लिए भी अच्छी खबर है। हर कोई यह जानता है कि स्टार्ट अप इंडिया प्रधानमंत्री की प्रिय योजनाओं में से एक है। बजट में औपचारिक रूप से यह घोषणा कर दी गई कि स्टार्ट अप कंपनियों को शुरुआती तीन साल तक विभिन्न प्रकार के कर में अच्छी खासी रियायत प्रदान की जाएगी। इसके अलावा स्टार्ट अप कंपनियों के लिए नियम कायदों में तमाम शिथिलता की घोषणा भी शामिल है।
स्टैंड अप इंडिया
देश के अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों और महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए स्टैंड अप इंडिया पहल के तहत 500 करोड़ रुपये का आवंटन इस बजट में किया गया है। सरकार का मानना है कि इन समुदायों के युवाओं और विभिन्न वर्गों की महिलाओं को जिस तरह की सामाजिक परिस्थितियों में रहना पड़ता है वहां अगर उनकी मदद के लिए अलग से कोष नहीं बनाया गया तो सारी कार्रवाई केवल कागजी बनकर रह जाएगी। इन 500 करोड़ रुपयों का प्रयोग इन तबकों से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की फंडिंग करने के लिए किया जाएगा।
कर्मचारियों का बजट
इस बजट में कर्मचारी वर्ग पर और खासतौर पर युवा कर्मचारियों पर खासी तवज्जो दी गई है। उदाहरण के लिये नई नौकरी शुरू करने वाले युवाओं को पहले तीन साल तक कोई ईपीएफ नहीं कटवाना होगा। उनका शुरुआती तीन साल का ईपीएफ सरकार देगी। उसने इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का फंड तैयार करने की घोषणा भी की है। इसके अलावा सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे मजदूरों के काम के घंटे तय करने तथा उनकी छुट्टी का दिन नियत करने की घोषणा भी की है। क्योंकि सरकार ने मजदूरों के काम के घंटे तय करने के साथ ही उनकी छुट्टी का दिन भी तय करने की बात कही है।
उद्यमिता विकास
आम बजट में उद्यमिता विकास पर खूब जोर दिया गया है। अगर सरकार यह चाहती है कि देश के युवा नौकरियों के पीछे भागना छोड़कर खुद का रोजगार शुरू करें और दूसरों के यहां काम करने के बजाय अपना खुद का काम करना आरंभ करें तो इसके लिए उन्हें कुछ खास राहत की दरकार थी। इस बजट में यह राहत दिख रही है। सरकार ने कंपनी अधिनियम में बदलाव करने की घोषणा कर दी है। इसके तहत अब कंपनी खोलने में एक दिन से अधिक का वक्त नहीं लगेगा। इसके अलावा सड़क और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए 2.2 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यह बजट भी युवाओं में कुशल-अकुशल रोजगार को बढ़ावा देने का काम करेगा।
मुद्रा बैंक योजना
प्रधानमंत्री ने देश के छोटे उद्यमियों को लघु और सूक्ष्म ऋण उपलब्ध कराने के लिए जिस मुद्रा बैंक की स्थापना की थी। उसे भी अपेक्षित सफलता हासिल हुई है। पिछले साल मुद्रा बैंक से कुल एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज वितरित किया गया। सरकार ने इससे उत्साहित होकर इस वर्ष यह राशि बढ़ा कर दो लाख करोड़ रुपये कर दी है। यह कर रियायती शर्तों पर दिया जाता है इसलिए इसने युवाओं तथा अन्य उद्यमियों को साहूकारों के चंगुल से निकालने में अहम भूमिका निभाई है।
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