प्रधानमंत्री की ‘टीम इंडिया’ के सदस्य के रूप में देश की तरक्की में छत्तीसगढ़ का भी योगदान : डॉ. रमन सिंह
पूंजी निवेश के लिए छत्तीसगढ़ सबसे अनुकूल और सुरक्षित राज्य
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज नई दिल्ली में एसोचेम द्वारा आयोजित विश्व निवेशक सम्मेलन (ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट) को सम्बोधित किया। उन्होंने निवेशकों को छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत बड़ी तेजी से बदल रहा है और ‘टीम इंडिया’ के सदस्य के रूप में अन्य राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ का भी इसमें अपना योगदान दर्ज हो रहा है। डॉ. सिंह ने कहा- औद्योगिक पूंजी निवेश की दृष्टि से छत्तीसगढ़ सबसे अनुकूल और सुरक्षित राज्य है।
उन्होंने कहा- छत्तीसगढ़ को आम तौर पर नक्सल प्रभावित राज्य के नजरिए से देखा जाता है। नक्सलवाद का प्रभाव लगभग समाप्त हो गया है। राज्य के सुदूर दक्षिण के इलाकों में भी हमने सड़क, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी हैं, जिससे इन क्षेत्रों के स्थानीय जनता का सामाजिक-आर्थिक विकास हो रहा है। भारतीय इस्पात प्राधिकरण द्वारा बस्तर क्षेत्र में लगभग 18 हजार करोड़ रूपए की लागत से अल्ट्रामेगा स्टील प्लांट की स्थापना की जा रही है। एक अन्य अल्ट्रामेगा स्टील प्लांट केन्द्र सरकार के उपक्रम एन.एम.डी.सी. द्वारा 18 हजार करोड़ की लागत से बस्तर के ही नगरनार में बनाया जा रहा है। दल्लीराजहरा से रावघाट-जगदलपुर तक 235 किलोमीटर रेललाईन का निर्माण हो रहा है।
बस्तर में 40 हजार करोड़ रूपए का निवेश हो रहा है। उस अंचल के दंतेवाड़ा में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के लिए एजुकेशन सिटी की स्थापना की गयी है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री हरिश रावत और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने निवेशक सम्मेलन में एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, आवास एवं पर्यावरण विभाग तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह और वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने नये राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार और जनता के द्वारा हासिल की गयी विकास के विभिन्न महत्वपूर्ण उपलब्धियों की भी जानकारी दी। डॉ. रमन सिंह ने बताया- बिजली छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बड़ी ताकत बन गयी है। हमारी कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता 24 हजार मेगावाट है, जो वर्तमान मांग की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। इस उत्पादन क्षमता को वर्ष 2020 तक बढ़ाकर 35 हजार मेगावाट करने की हमारी योजना है। राज्य में अभी 37 हजार किलोमीटर सड़क नेटवर्क तैयार है, जिसमें अगले तीन-चार वर्ष में नौ हजार किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा। छत्तीसगढ़ की सड़क परियोजनाओं पर 35 हजार करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। रेल नेटवर्क का भी राज्य में विस्तार किया जा रहा है। केन्द्र और राज्य दोनों ने मिलकर इसके लिए स्पेशल परपस व्हीकल बनाया है। इसके माध्यम से 546 किलोमीटर रेललाईन का विस्तार किया जा रहा है। अगले चार-पांच वर्ष में करीब 1300 किलोमीटर रेल नेटवर्क बनाने की हमारी योजना है।
राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल को पिछले दो वर्षों से नॉन मेट्रो श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ विमानतल का खिताब मिला है। यहां इस वर्ष से कार्गो सुविधा भी शुरू की गयी है। रायपुर के इस विमानतल को अन्तर्राष्ट्रीय विमानतल का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। घरेलू विमान सेवाओं के लिए केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय नीति के अनुसार बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ और अम्बिकापुर की हवाई पट्टियों का विकास किया गया है। राज्य को चारों दिशाओं से जोड़ते हुए घरेलू विमान सेवा शुरू करने की दिशा में हमने कदम बढ़ा दी है। नया रायपुर में कॉनकॉर द्वारा 100 एकड़ में कंटेनर डिपो बनाया जा रहा है, जहां उद्योगों को सीधे आयात और निर्यात की सुविधा मिलेगी। उन्होंने निवेशकों को राज्य के कृषि उत्पादन, लघु वनोपज व्यापार, खनिज संसाधन और वन सम्पदा आदि के बारे में भी बताया। डॉ. सिंह ने कहा कि धान छत्तीसगढ़ की मुख्य फसल है। विगत पांच वर्षो में छत्तीसगढ़ को धान उत्पादन में वृद्धि के लिए तीन बार और दलहन उत्पादन के लिए एक बार केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने सम्मेलन में बताया- वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ सरकार का बजट सिर्फ पांच हजार करोड़ रूपए के आस-पास था, जो कुशल वित्तीय प्रबंधन के कारण वर्ष 2016-17 में बढ़कर 76 हजार करोड़ से ज्यादा हो गया है। उन्होंने बताया कि विगत 15 वर्षों में छत्तीसगढ़ के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी.एस.डी.पी.) की दर में पांच गुना वृद्धि हुई है और यह 47 हजार करोड़ से 250 हजार करोड़ रूपए तक पहुंच गया है।
उन्होंने सम्मेलन में बताया कि बिजली के लोकव्यापीकरण की नीति के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे आम जनता की ताकत बनाने का लक्ष्य लेकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। यह देश का पहला बिजली कटौती मुक्त राज्य है। हमारे यहां चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध है और उसकी दर देश की औसत बिजली दरों से कम है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार की आकर्षक नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ की विकास दर राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक दर्ज की गयी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने औद्योगिक अधोसंरचना के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं। वर्तमान में हमारे यहां 42 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं। इसके अलावा मेटल पार्क, इंजीनियरिंग पार्क, फूडपार्क, प्लास्टिक पार्क और एल्यूमिनियम पार्क की भी स्थापना की जा रही है। निकट भविष्य में औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या डेढ़ गुना बढ़ाने के लिए हर जिले में एक औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना है। वर्तमान में हमारे सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली, सड़क और पानी की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को छत्तीसगढ़ में पूंजी लगाने के लिए आमंत्रित किया और कहा- आप उद्योग स्थापना के लिए ऑनलाईन आवेदन करें, दूसरे दिन आपको भूमि आवंटित कर दी जाएगी, ताकि आप जल्द से जल्द उद्योग लगा सकें। उन्होंने निवेशकों को यह भी बताया कि राज्य में लगभग छह हजार हेक्टेयर में भूमि बैंक बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने निवेशकों को बताया- आपको यह जानकर खुशी होगी कि वर्ष 2010 के बाद से आई.ई.एम. के दाखिले के संकलित मूल्य में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर रहा। राज्य को इस दौरान छह लाख 59 हजार करोड़ रूपए (106 बिलियन यू.एस.डॉलर) के निवेश प्रस्ताव मिले, जो देश के कुल निवेश प्रस्तावों का 14 प्रतिशत है। चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में हमने विभिन्न कम्पनियों के साथ 55 हजार करोड़ रूपए के निवेश प्रस्तावों पर एम.ओ.यू. किया है। इनमें कोल गैसीफिकेशन, रेल्वे, स्टील, डिफेंस, इंजीनियरिंग, खाद्य प्रसंस्करण, सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों से संबंधित हैं। डॉ. रमन सिंह ने कहा- खेती और किसानों का कल्याण, ग्रामीण क्षेत्र, सामाजिक क्षेत्र, शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार सृजन, अधोसंरचना और निवेश, वित्त क्षेत्र के सुधार, प्रशासन और इज ऑफ डुइंग बिजनेस, राजकोषीय अनुशासन तथा टैक्स सुधार के नौ आधार स्तंभों का जिक्र केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने अपने बजट भाषण में किया था। इन क्षेत्रों में ध्यान देने के कारण न सिर्फ देश की छवि में निखार अ आया है, बल्कि एक ठोस ढांचागत सुधार मैदानी स्तर पर भी हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधि होने के नाते मैं अपने राज्य के बारे में कहना चाहूंगी कि भारत के विकास में जितना योगदान हमने अभी तक दिया है, उससे बहुत ज्यादा योगदान करने के लिए संसाधन, संभावना और अवसर हमारे राज्य में उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में निवेशकों को बताया- कोर सेक्टर में छत्तीसगढ़ ने इस्पात, सीमेंट, एल्युमिनियम और बिजली उत्पादन में काफी प्रगति की है। अब हमारा लक्ष्य नॉन कोर सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देने का है। इसके अन्तर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, रक्षा उद्योग, रेल्वे, भारी इंजीनियरिंग, प्लास्टिम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, हर्बल प्रसंस्करण और सेवा जैसे नये क्षेत्रों में ज्यादा पूंजी निवेश आमंत्रित करने का प्रयास हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को सफल बनाने के लिए हम निवेशकों को ‘मेक इन छत्तीसगढ़’ के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। अपार संभावनाओं वाले नॉन कोर सेक्टर को शामिल करते हुए समावेशी औद्योगिक विकास के लिए अपनी पंचवर्षीय औद्योगिक नीति (वर्ष 2014-19) लागू की है। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नीति जारी की है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को नया रायपुर सहित राज्य की सामाजिक अधोसंरचना, सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक वातावरण, कुशल मानव संसाधन के बारे में भी बताया।