चीनी मीडिया ने कहा, जापान का मोहरा नहीं बनेगा भारत
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पेइचिंग. पीएम नरेंद्र मोदी इन दिनों जापान की यात्रा पर है, उनकी इस जापान यात्रा से चीन ने उम्मीद जताई है कि वह साउथ चाइना सी जैसे विवादास्पद मुद्दों पर टांग नहीं अड़ाएगा और जापान के हाथों का मोहरा नहीं बनेगा। इसके साथ ही चीन ने जापान पर भी आरोप लगाया है। चीन ने कहा है कि ‘‘वह चीन और भारत के विवादों को अपने हितों को पूरा करने की खातिर भुना रहा है।
भारत और चीन के विवादों का न हो इस्तेमाल
चीन के सरकारी अख़बार ‘ग्लोबल टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया, ‘जापान, भारत और चीन के बीच के विवादों का इस्तेमाल कर चीन पर लगाम लगाने के लिए भारत को राजी करना चाहता है। जापान, भारत से अपील करना चाहता है कि वह दक्षिणी चीन सागर मामले में टांग अड़ाए। जापान इसके लिए अपनी सालों पुरानी परमाणु इस्तेमाल को कम करने की स्थिति में भी बदलाव कर रहा है और उसने भारत को असैन्य परमाणु सहयोग के फायदों की पेशकश तक कर दी है।’
क्षेत्रीय ताकतों को अपनी ओर करने का प्रयास
रिपोर्ट में कहा गया, ’पिछले तीन सालों में जापान की राजनयिक नीतियों को देखें तो आबे प्रशासन चीन को घेरने के लिए क्षेत्रीय ताकतों को अपनी ओर करने के प्रयासों में लगा है।’ इसमें कहा गया कि भारत को जापान से परमाणु और सैन्य तकनीक तथा विनिर्माण उद्योग और हाई स्पीड रेलवे की तरह ढांचागत क्षेत्र में निवेश के लिए जापान की जरूरत है।
जापान की योजनाएं मनमुटाव की हैं
टाइम्स ने लिखा कि भारत द्वारा जापान की इच्छाओं के अनुसार अपनी स्थिति बदले जाने की संभावना नहीं है। इसमें कहा गया, ’भारत ने बहुपक्षीय कूटनीतिक अवधारणा और प्रमुख ताकत का रुख अख्तियार किया है। जापान की योजनाएं मनमुटाव की हैं जो भारत की नीतियों के विपरीत हैं। इसलिए भारत, जापान के साथ अपने सहयोग का मामला दर मामला व्यावहारिक आंकलन करेगा।’
अखबार ने लिखा, ’भारत, चीन को रोकने के लिए जापान के हाथों का मोहरा नहीं बनेगा क्योंकि वह चीन और जापान के बराबर की ताकत बनना चाहता है और दोनों पक्षों से फायदा लेना चाहता है। भारत, जापान के करीब जाएगा लेकिन भाईचारे के संबंधों में नहीं जाएगा।’
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