मथुरा हिंसा के बारे में वो बातें जो आपको जाननी चाहिए
यूपी के मथुरा में गुरूवार को पुलिस पर भीड़ ने उस वक्त हमला बोल दिया जब पुलिस की टीम सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने पहुंची थी। इस हमले में एक एसपी और एक एसओ की मौत होने के साथ ही 23 पुलिसवाले घायल हो गए। पुलिस की जवाबी फायरिंग में 22 उपद्रवियों की भी मौत हो गई। सीएम अखिलेश यादव ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। अब तक 124 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
कैसे किया कब्जा
इनकी 9 सूत्रिय मांग है, जिसके लिए ये 2 साल पहले दिल्ली जाकर सत्याग्रह करने वाले थे। दिल्ली में जगह नहीं मिलने की वजह से इन्होंने मथुरा के जवाहर बाग में ही अपना डेरा जमा लिया। हालांकि, मथुरा प्रशासन ने इन्हें एक दिन के लिए यहां सत्याग्रह करने की परमिशन दी थी। लेकिन सत्याग्रहियों ने एक दिन बीतने के बाद भी यह जगह खाली करने से मना कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने इन्हें कई बार समझाने और जगह खाली करवाने की कोशिश की, लेकिन ये नहीं मानें। इस दौरान इन्होंने कई बार समझाने गए अधिकारियों के साथ मारपीट भी की।
ऐसे शुरू हुई फायरिंग
जानकारी के मुताबिक, पुलिस जवाहर बाग की करीब 250 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हटाने पहुंची थी। ये जमीन बागवानी विभाग की है। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने 2 दिन पहले बाग पर कब्जा किए लोगों को नोटिस देते हुए इसे 24 घंटे के अंदर खाली करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी अवैध कब्जा करने वालों ने बाग को खाली नहीं किया। गुरुवार को पुलिस जवाहर बाग पहुंची। बाग में करीब 3 हजार लोग मौजूद थे। पुलिस को देखते ही लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। इससे अफरा-तफरी मच गई। भीड़ ने आगजनी भी की।
ये थी उपद्रवियों की मांग
1 खुद को सुभाषचंद्र बोस का अनुयायी कहने वाले ये लोग पेट्रोल और डीजल की कीमत एक रुपए लीटर करने की मांग कर रहे हैं।
2 देश में सोने के सिक्कों का प्रचलन किया जाए।
3 आजाद हिंद फौज के कानून माने जाएं। इसी की सरकार देश में शासन करे।
4 जयगुरुदेव का मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाए।
5 आजाद हिंद बैंक करेंसी से लेन-देन शुरू की जाए।
6 खुद को सत्याग्रही कहने वाले इन उपद्रवियों की मांग है कि जवाहरबाग की 270 एकड़ जमीन ’सत्याग्रहियों’ को सौंप दी जाए।
7 ’सत्याग्रहियों’ के बीच में पुलिस कोई कार्रवाई न करे।
8 देश में अंग्रेजों के समय से चल रहे कानून खत्म किए जाएं।
9 पूरे देश में मांसाहार पर बैन लगाया जाए। मांसाहार करने वालों को सजा दी जाए।
10 उपद्रवियों का नारा था, ’आजाद हिंद बैंक करेंसी से लेन-देन करना होगा, नहीं तो भारत छोड़ना होगा’।
ये थी पुलिस की चूक
जवाहर बाग में पेड़ों पर चढ़कर शूटर निशाना लगाते गए और 15 पुलिसकर्मी घायल होकर गिरते रहे। यहां मौजूद पीएसी फोर्स अधिकारियों से फायरिंग का ऑर्डर मांग रही थी। जवाबी फायरिंग का ऑर्डर देने में ही 15 मिनट से ज्यादा वक्त लग गया। इस दौरान दूसरे पक्ष ने अंधाधुंध फायरिंग की। सीएम ने भी इसे प्रशासन की बड़ी चूक मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं।