15 अगस्त के दिन हुआ कमांडर शहीद, 6 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि
15 अगस्त के दिन श्रीनगर के नौहट्टा चौक पर हुए आतंकि हमले में जवान प्रमोद कुमार शहीद हो गए थे। बुधवार 16 अगस्त को चितरंजन में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। शहीद को उनकी 6 साल की बेटी ने मुखाग्नि प्रदान की। उनकी पत्नी नेहा त्रिपाठी यह दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाईं और उनके शव से लिपटी रहीं। बेटी ने पिता को सलामी दी और कहा कि उसे अपने पिता पर गर्व है, वे देश कि रक्षा के लिए लड़े और शहीद हुए।
15 अगस्त, यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रमोद कुमार को शहादत नसीब हुई। 1998 बैच के प्रमोद को एक माह पूर्व ही कमांडेंट बनाया गया था। एक जनवरी 1998 को प्रमोद सीआरपीएफ में शामिल हुए और पिछले साल उन्हें कमांडेंट के रूप में प्रमोशन मिला था। वे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भी तैनात रह चुके थे। आतंकियों से मुतभेड़ के पहले कुमार ने स्वतंत्रता दिवस परेड को संबोधित किया था।
मुतभेड़ में उन्होने दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था मगर उन्हे गले पर गोली लग गई जिस वजह से उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी मौत हो गई।