वॉट्सऐप को मिला दिल्ली हाई कोर्ट का साथ
वॉटसऐप को दिल्ली हाईकोर्ट का साथ मिल गया है। जी हां कोर्ट ने वॉट्सऐप की नई पॉलिसी को हरी झण्डी दे दी है। शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए वॉटसऐप को फेसबुक के साथ डाटा शेयर करने की इजाजत दे दी है। हालांकि कोर्ट ने वॉट्सऐप को ये आदेश भी दिया है कि वह यूजर्स का 25 सितंबर से पहले का एकत्र डाटा फेसबुक पर शेयर नहीं कर सकता है।
बता दें कि फेसबुक के इंस्टंट मैसेजिंग और वॉइस कॉलिंग ऐप वॉट्सऐप ने 25 अगस्त को अपनी नई पॉलिसी जारी की थी और इस पॉलिसी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में कर्मण्य सिंह सरीन और श्रेया सेठी नाम के दो छात्रों ने याचिका लगाई थी। अपनी याचिका में दोनों ने कहा था कि 7 जुलाई 2012 से अब तक जो वॉट्सऐप की प्रिवेसी पॉलिसी चली आ रही थी, उसे 25 अगस्त को बदल दिया गया। नई पॉलिसी यूजर्स के अधिकारों के साथ समझौता करती है और उनके प्रिवेसी राइट्स को खतरे में डालती है। कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए वॉट्सऐप और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था और जवाब मांगा था।
पिछली सुनवाई में वॉट्सऐप ने कोर्ट में दलील दी थी कि यूजर के अकांउट डिलीट करने के बाद उसकी जानकारी सर्वर में नहीं रहेगी। कंपनी ने कहा था कि यदि कोई मैसेज प्राप्तकर्ता को मिल जाता है तो वह उसे अपने सर्वर पर से हटा देती है लेकिन यदि कोई मैसेज प्रेषित नहीं हो पाता है तो वह इसे अपने सर्वर पर 30 दिन तक रखती है। यदि 30 दिन के बाद भी मैसेज प्रेषित नहीं होता है तो वह इसे हटा देती है। इस बार भी वॉट्स ऐप ने कोर्ट में कहा है कि उसी नई नीति उपयोगकर्ता की निजता का हनन नहीं है। हालांकि उस समय याचिकाकर्ताओं ने वॉट्सऐप के इस बयान का विरोध किया था।