देश में दिन-प्रतिदिन ऑनलाइन कारोबार बढ़ता ही जा रहा है। ई-कामर्स के क्षेत्र में हर वर्ष नई-नई कम्पनियां जुड़ती जा रही है। इसके साथ ही यह भी देखने को मिल रहा है कि इस क्षेत्र से प्रतिदिन काफी मात्रा में नए उपभोक्ता भी जुड़ रहे है। इसके विकास के साथ ही इस ऑनलाइन कारोबार (ई-कॉमर्स) क्षेत्र में इस साल करीब ढाई लाख रोजगार के नए अवसर आने वाले है। साथ ही इस क्षेत्र में नियुक्तियों में 60 से 65 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद है। उद्योग मंडल एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर ई-कॉमर्स विभागों और कंपनियों का कारोबार पिछले साल से बढ़ा है और यह उद्योग को और विकास का अवसर प्रदान करता है।
बढ़ रहा है कारोबार
भारतीय ई-कॉमर्स में हो रही तेज वृद्धि के बारे में कहा गया है कि साल 2009 में इस क्षेत्र का कारोबार 3.8 अरब डॉलर था। यह वर्ष 2014 में बढ़कर 17 अरब डॉलर तथा 2015 में 23 अरब डॉलर पर पहुंच गया। चालू साल में इस क्षेत्र का कारोबार 38 अरब डॉलर (करीब 2,584 अरब रुपये) हो जाने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल और रिटेलरों की ओर से निवेश में बढ़ोतरी से एम-कॉमर्स में तेज बढ़ोतरी नजर आ रही है। अभी ई-कॉमर्स क्षेत्र में मोबाइल कॉमर्स (एम-कॉमर्स) की हिस्सेदारी महज 20 से 25 फीसद है। आगे चलकर इसकी हिस्सेदारी भी बढ़ेगी। खासकर टैक्सी व रेस्तरां के बढ़ते एम-कॉमर्स कारोबार की इसमें खासी भूमिका होगी।
3.5 लाख लोग कर रहे हैं काम
2016 में इसके 38 अरब डॉलर का हो जाने का अनुमान है। एसोचैम के शोध पत्र में कहा गया है कि इस क्षेत्र में अभी 3.5 लाख लोग काम कर रहे हैं। अगले 12 महीनों में और अधिक लोगों की जरूरत होगी। साथ ही स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या बढने से एम-कॉमर्स का बाजार भी तेजी से बढ रहा है। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा कि इस विशेष क्षेत्र में नई नौकरियां 60-65 फीसदी बढ सकती हैं और अगले दो-तीन साल में 6-8 लाख रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं।
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