ISIS दे रहा भारतीय हैकर्स को नौकरी, दिया बड़ा ऑफर्स
नई दिल्ली. दुनियाभर में अपने आतंकी हमलों और आतंकी गतिविधियों से अपनी पहचान बनाने वाला आतंकी संगठन आईएसआईएस ने भारत में अपना नेटवर्क बनानें और भारत के संवेदनशील डाटा को चुराने के लिए भारतीय हैकर्स को नौकरी का ऑफर दे रहे है। और सैलरी भी अच्छी खासी ऑफर की जा रही है।
10,000 डॉलर के मिल रहे ऑफर
आतंकी संगठन आईएसआईएस भारत में अपना नेटवर्क बनाने और संवेदनशील सरकारी आंकड़ों को चुराने के लिए देसी हैकर्सों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। इसके लिए आतंकी संगठन ने काफी आकर्षक सैलरी की पेशकश की है। प्रत्येक ’जॉब’ के लिए एक हैकर को 10,000 डॉलर से ज्यादा की पेशकश की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि हैकिंग समुदाय से अब तक का यह सबसे आकर्षक ऑफर है।
कई हैकर्स चुन चुके है ऑफर
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स से यह कहा गया है कि वे सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों ट्विटर और फेसबुक से ऐसे लोगों की पहचान करें और उनका डाटा बेस तैयार करें जो आतंकी संगठन के संभावित सदस्य बन सकते हों। विशेषज्ञों का मानना है कि कई हैकर्स ने पहले ही इस ऑफर को चुन लिया है जबकि आतंकी संगठन ने भारत में करीब 30,000 लोगों से कथित रूप से संपर्क किया है।
कई वेबसाईट की बंद
आईएसआईएस अपनी कट्टर विचारधारा को फैलाने और युवाओं का ब्रेनवाश करने के लिए सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल करता है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आईएसआईएस की इस चुनौती से निपटने के लिए उन्होंने कदम उठाए हैं और आतंकी संगठन से संबंधित वेब कंटेंट पर रोक लगाई है। महाराष्ट्र एटीएएस का कहना है कि उसने आईएसआईएस से जुड़ी करीब 94 वेबसाइटों को बंद किया है।
इस तरह आईएसआईएस बना रहा भारत में अपना नेटवर्क
आईएसआईएस भारत में अपनी जड़ मजबूत करने के लिए ही हैकर्स को जॉब ऑफर कर रहा है। साइबर क्राइम एक्सपर्ट किसलय चौधरी के मुताबिक कई ऑनलाइन कम्युनिटीज हैकर्स से लगातार कॉन्टैक्ट में हैं।
बीते छह महीनों में हैकर्स को सरकारी डाटा चुराने के लिए ऑफर मिल रहे हैं। इससे पहले किसी चीज के लिए इतने पैसे ऑफर नहीं किए गए थे।
ये ऑफर्स आईएसआईएस की तरफ से दिए गए हैं। जाहिर है कि भारत की खुफिया इन्फॉर्मेशन हासिल कर आईएसआईएस खुद को मजबूत करना चाहता है।
आईएसआईएस सपोर्टर्स फेसबुक और ट्विटर पर यंग जनरनेशन को टारगेट कर अपनी आईडियोलॉजी को शेयर कर रहे हैं।
किस तरह का खतरा?
इंटरनेट पर ये प्रोपेगैंडा हिंदी, तमिल, गुजराती, उर्दू, बांग्ला और कई रीजनल लैंग्वेज में होता है।
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