ISIS का शिकार हुई नादिया बनीं यूएन की गुडविल एम्बेसडर
दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस की कैद में कई महीनों तक रहने वाली यजीदी लड़की नादिया मुराद अब यूएन की गुडविल एम्बेसडर बन चुकी हैं। शुक्रवार को यूएन यानी कि यूनाइटेड नेशन्स ने नादिया का नाम औपचारिक तौर पर घोषित कर दिया है। यूएन का मानना है कि नादिया उनके साथ मिलकर मानव तस्करी के खिलाफ लड़ेगी और इस संबंध में लोगों को जागरूक भी करेंगी। बता दें कि नादिया 2015 में उस वक्त सुर्खियों में आई थी जब उसने अपने साथ हुए ज़ुल्म की दास्तां संयुक्त राष्ट्र के समक्ष सुनाई थी।
नादिया के साथ हुआ था इतना खौफनाक हादसा
नादिया के साथ जो हुआ उसे जानने के बाद किसी की भी रूह कांप जाएगी। नादिया को वर्ष 2014 में आईएस आतंकियों ने ईराक के एक गांव से अगवा कर लिया था। आतंकी उसे मोसुल ले गए। और यहां पर सभी 6 आतंकियों ने उसका रेप किया। करीब तीन महीनों तक नादिया ने मौत से संघर्ष किया। लेकिन फिर भी उसने अपनी हिम्मत नहीं टुटने दी। पिछले साल दिसंबर में जब नादिया आतंकियों के चंगुल से भागने में कामयाब हुई तो उसे यूएन के सिक्युरिटी कांउसिल के सामने अपने साथ हुए इस खौफनाक हादसे का जिक्र किया था। नादिया के अनुसार उसके सामने ही उसके पूरे परिवार को गोलियों से भून दिया था। बता दें कि नादिया के साथ ही कई अन्य महिलाओं और लड़कियों को भी आतंकियों ने अपनी हवस का शिकार बनाया था।
यूएन कांउसिल ने की थी नादिया की हिम्मत की तारीफ
जब नादिया ने यूएन के सिक्युरिटी काउंसिल के मेंबर्स को आपबीती सुनाई तो उन्होंने नादिया के हौसले और हिम्मत की तारीफ की। वहीं
काउंसिल के कई मेंबर्स नादिया के साथ हुई इस बर्बरता की कहानी सुन अपने आंसुओं को रोक नहीं पाएं थे।
नादिया की कहानी ,उसी की जुबानी
”मेरे सामने ही मेरे भाई और पिता की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद आईएसइआई के लड़के मुझे मोसुल शहर लेकर गए थे। पूरे रास्ते उन्होंने मेरे साथ बदसलूकी की। मैंने रो-रो कर और चिल्लाकर उनसे रहम की भीख मांगी। लेकिन इसके बदले में उन्होंने मुझे जमकर पीटा। कुछ दिनों बाद मुझे एक आतंकी के हवाले कर दिया गया। वह रोज़ मेरे साथ रेप करता था। जब मैंने भागने की कोशिश की तो गार्ड ने मुझे पकड़ लिया। उस रात उसने मुझे बहुत मारा-पीटा और कपड़े उतारकर गार्ड्स के हवाले कर दिया। उस रात मेरा तब तक रेप किया गया, जब तक की मैं बेहोश नहीं हो गई।”
ISIS के खिलाफ लड़ना चाहती है नादिया
नादिया ने कहा की अब उसका मकसद केवल आईएसआईएस के आतंकियों के खिलाफ लड़ाई लड़ना है। अब वह यूके में रहकर इराक में हुए हादसों के पीड़ितों को ढूढने में लगी हुई है। नादिया चाहती है कि वह रिफ्यूजी कैम्प में रह रही महिलाओं की मदद कर सके। और यजीदी महिलाओं के साथ मिलकर आईएस के आतंकियों को भी वैसे ही टॉर्चर किया जाए जैसे कि उन्हें किया गया था।