लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुई सचिन की आत्मकथा
नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन उनका रिकॉर्ड बनाने का सिलसिला अब भी जारी है। उनकी आत्मकथा ’प्लेइंग इट माई वे’ ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में कीर्तिमान स्थापित किया है और यह कथा और गैर कथा आधारित वर्ग में सबसे ज्यादा बिकने वाली पेपरबैक किताब बन गई है।
तोड़े सारे रिकॉर्ड
किताब का प्रकाशन हैचेट इंडिया ने किया है जिसे छह नवंबर 2014 को जारी किया गया था। इसने कथा आधारित और गैर कथा आधारित वर्ग के वयस्क वर्ग के पेपरबैक में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जिसकी 1,50,289 प्रतियां आर्डर सब्सक्रिप्शंस से बिकी हैं।
इनको छोड़ा पीछे
किताब के पहले दिन के आर्डर ही प्री आर्डर और लाइफटाइम सेल्स दोनों में सबसे आगे है। इसने दुनिया की शीर्ष वयस्क हार्डबैक डैन ब्राउन की इनफर्नो, वाल्टर इसाकसन की स्टीव जाब्स और जेके रॉलिंग की कैजुअल वैकेंसी को पीछे छोड़ दिया है।
ये थे सह लेखक
बोरिया मजूमदार तेंदुलकर की इस आत्मकथा के सह लेखक थे। इसने खुदरा मूल्य के मामले में भी रिकॉर्ड बनाया है, इसकी कीमत 899 रुपये थी जिससे 13.51 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
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