जानिए क्यों सरकार ने 14 साल के बच्चे को दिए 14 करोड़ रुपए
- - Advertisement - -
गुरुवार को वाइब्रेंट गुजरात समिट में मौजूद सभी लोगों की नजरे 14 साल के एक लड़के को ढूंढ रही थीं। इसकी वजह थी कि उसने एक उन्नत ड्रोन को डिजाइन किया है। जी हां, 14 साल की उम्र में जब बच्चे अपनी बोर्ड एग्जाम की तैयारी नहीं कर पाते हैं उस उम्र में गुजरात के बच्चे ने यह ड्रोन डिजाइन किया है। इस ड्रोन के जरिए वह अपना बिजनेस भी प्लान कर रहे हैं।
गुजरात के हर्षवर्धन जाला ने 14 साल की उम्र में एक अनोखे ड्रोन को डिजाइन किया है। यह ड्रोन यु़द्ध के मैदानों में लगे लैंड माइंस का पता हवा में ही लगा लेगा और ड्रोन के सहायता से ही माइंस को निष्क्रिय भी किया जा सकता है। इस डिजाइन को हर्ष ने गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग के साथ विकसित किया है जिसके प्रॉडक्शन के लिए गुजरात सरकार ने हर्ष के साथ 5 करोड़ रुपए के समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
हर्षवर्धन ने बताया कि उन्होंने लैंडमाइन का पता लगाने वाले ड्रोन के नमूने पर 2016 में ही काम शुरू कर दिया था और बिजनस प्लान भी बनाया और तब से ही मैनें इसके डिजाइन पर काम करना शुरु कर दिया था। पहले दो ड्रोन के लिए हर्ष के अभिभावकों ने करीब 2 लाख रुपये खर्च किया था। लेकिन तीसरे नमूने के लिए राज्य सरकार ने 3 लाख रुपये का अनुदान दिया ।
इस ड्रोन को बनाने का आइडिया कैसे आया, इस बारे में हर्षवर्धन ने बताया कि यह आइडिया उस समय आया जब मैं टेलिविजन देख रहा था और पता चला कि हाथ से लैंडमाइन को निष्क्रिय करते वक्त बड़ी संख्या में सैनिक जख्मी होकर दम तोड़ देते हैं तब मैने एक ऐसे ड्रोन को बनाने का निश्चय किया जो लैंडमाइन का पता लगा सके।