Microsoft ने खरीदा भारतीय मैसेजिंग स्टार्टअप
टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने मैसेजिंग ऐप डेवलपर का अधिग्रहण किया हैं। जिसे एक भारतीय ने तैयार किया हैं। अमेरिका की सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, मानवीय भाषा और अत्याधुनिक मशीनी बुद्धिमता की मिली-जुली ताकत वाले इस दौर में अपनी स्थिति मजबूत करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। माइक्रोसॉफ्ट ने कैलिफॉर्निया के एक स्टार्टअप वैंड लैब्स का अधिग्रहण किया है जो ऐप्लिकेशन के लिए मैसेजिंग तकनीक तैयार करती है। यह स्टार्ट अप 2013 में आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र विशाल शर्मा ने शुरू किया था जो गूगल में पहले उपाध्यक्ष (प्रोडक्ट्स) थे। इस अधिग्रहण की शर्तें सार्वजनिक नहीं की गई हैं।
नाडेला ने की शुरूआत माइक्रोसॉफ्ट में कॉरपोरेट वाइस प्रेसीडेंट (इन्फॉर्मेशन प्लेटफॉर्म ग्रुप) डेविड कू ने बताया, ’इस अधिग्रहण से ’संवाद मंच’ के लिए हमारी रणनीति और परिकल्पना में तेजी आएगी जिससे हमें (भारतीय मूल से मुख्य कार्याधिकारी) सत्या नाडेला ने ’बिल्ड 2016’ कॉन्फ्रेंस में रूबरू कराया था।’ मार्च में बिल्ड कॉन्फ्रेस के दौरान नाडेला ने हजारों डेवलपरों से कहा था कि वह एक ऐसे तकनीकी भविष्य की कल्पना करते हैं जहां कंप्यूटर सॉफ्टवेयर भी मानवीय भाषा सीख पाएंगे और लोगों के साथ स्वभाविक तरीके से संवाद कर पाएंगे। नाडेला ने कहा था कि माइक्रोसॉफ्ट मानवीय भाषा की शक्तियों का इस्तेमाल व्यापक तरीके से सभी कंप्यूटिंग इंटरफेस और संवादों में किया जाता है। कू ने कहा कि वैंड लैब्स की तकनीक और प्रतिभा से माइक्रोसॉफ्ट को मानवीय भाषा के साथ अत्याधुनिक मशीनी ज्ञान को मिलाने और ज्यादा प्रासंगिक और स्वभाविक तरीके से लोगों को सूचना, ज्ञान, सेवाओं से जोडऩे के क्षेत्र में खुद को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। इस अधिग्रहण से माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन बिंग, इसके क्लाउड कंप्यूटिंग मंच एज्योर, ऑफिस 365 और विंडोज की ताकत को और बढ़ाने में मदद मिलेगी ताकि किसी भी जगह में मौजूद डेवलपरों को सशक्त बनाया जा सके। कू ने कहा कि वैंड की सर्विस मैपिंग, थर्ड पार्टी डेवलपर एकीकरण और संवाद से जुड़े इंटरफेस की विशेषज्ञता को देखते हुए इसका बिंग इंजीनियरिंग और इस मंच की टीम के साथ जुडऩा काफी अच्छा होगा। खोज और ज्ञान के क्षेत्र में विशाल शर्मा को ’अनुभवी नेतृत्वकर्ता और उद्यमी’ बताते हुए कू ने कहा कि वैंड टीम माइक्रोसॉफ्ट के बिंग इंटेलीजेंस में अहम योगदान देगी। शर्मा का कहना था कि शब्दार्थ विज्ञान और बातचीत के क्षेत्र में काम करने का यह उत्साहजनक वक्त है जिसे नाडेला ने भविष्य का अहम क्षेत्र बताया था। शर्मा ने कहा, ’मानवीय भाषा का इस्तेमाल कर ग्राहकों के अनुभवों को बाधारहित बनाना एक अच्छी परिकल्पना है और इससे मुझे और मेरी टीम को प्रेरणा मिलती है।’