कांच पर तस्वीरें उकेरते हैं अनिरूद्ध
By : Shirish Yaatri
इंदौर शहर के रहने वाले बीबीए के स्टूडेंट अनिरूद्ध वर्मा ने एक नए आर्ट फॉम को इजाद किया है। वे कांच के पिछले हिस्से पर कुछ इस तरह से डिज़ाइंस बनाते हैं कि वे बिल्कुल अलग और बेहद खुबसूरत लगती हैं। वे इसी तरह से पोट्रेट भी बनाते हैं। अब तक उन्होंने माइकल जैक्सन, द हल्क, जोकर ;हैथ लेज़रद्ध से ले कर एब्सट्रेक्ट डिज़ाइंस और भगवान की तस्वीरें भी बनाई हैं। तो आइए अनिरूद्ध से जानते हैं कि इस सफर की शुरूआत कब, कैसे और कहां से हुई –
आपने यह आर्ट कब से शुरू किया?
2014 में जब मैं एनिमेशन का कोर्स कर रहा था तो एक दिन मैंने कुछ नया करने का सोचा और कांच के पीछे जो सिल्वर लगा होता है उसे कुरेद कर कुछ नया बनाने लगा। उसके कम्पलीट होने के बाद मुझे लगा कि ये कुछ नया है और बहुत अच्छा है, एक नए आर्ट फॉम की तरह। बस फिर क्या था, मैंने इसे रोज़ करना शुरू किया और धीरे-धीरे मैं इसमें परफेक्ट हो गया।
आप स्टूडेंट हैं तो ऐसे में अपनी पढ़ाई और आर्टवर्क के बीच ताल-मेल कैसे बैठा पाते हैं?
हां, मुझे पढ़ाई और दूसरे कामों में उलझे रहने के कारण समय नहीं मिल पाता था। फिर मुझे वी.एफ.एक्स. में इंटरेस्ट आने लगा और मैं सारा काम डिजिटली करने लगा। इसलिए मैं इस आर्ट में कुछ इनोवेटिव नहीं कर पा रहा था। फिर मैंने अपनी मां को यह बनाना सिखाया। कुछ दिनों की मेहनत के बाद वो मुझसे भी अच्छा काम करने लगीं। तब से हम दोनो साथ में ही काम करते हैं। सारी तस्वीरें हमने साथ में मिल कर ही बनाई है। लेकिन अब 90ः काम वही करतीं हैं।
आपने आर्ट के इस नए फॉर्म को लोगों से कैसे रू-ब-रू कराया?
हमनें पलासिया पर वन सेंटर मॉल में गैलरी ओपन की ताकि लोगों को इस आर्ट फॉम के बारे में पता चले और हम तस्वीरें सेल भी कर सकें। आर्ट लवर्स और आर्ट की समझ रखने वाले लोगों ने हमारे काम की सराहना की, बहुत तारीफें भी मिलीं। मगर हमें ज्यादा फायदा नहीं हुआ। तारीफ तो सब करते थे पर बहुत कम लोग खरीदते थे। लोग समझ नहीं पाते थे कि यह हाथ से बनाया गया है या फिर कैमरे से ली हुई तस्वीर है। लोगों तक इस आर्ट को पहुंचाने के लिए कुछ महीने तक हमने काफी कोशिशें कीं। मगर फिर आर्थिक समस्याओं की वजह से हमें गैलेरी बंद करनी पड़ी। अब हम घर से ही ऑन डिमांड सेल करते हैं।
इस आर्ट की क्या खासियत है?
यह एक मोनोक्रॉमिक आर्ट है। इसमें भी कुछ बंदिशे हैं। हम कलर्स तो यूज़ कर सकते हैं मगर एक कलर ‘सिल्वर‘ ही रहेगा। अलग-अलग तरह के शेप और एब्सट्रैक्ट डिज़ाइन के लिए, किसी को गिफ्ट करने के लिए और कस्टुमाइज़्ड लेटर्स के लिए यह बेस्ट है। यह पेंटिंग से अलग है क्योंकि उसमें कलर्स वक्त के साथ फीके पड़ जाते हैं या पानी लगने की वजह से खराब भी हो जाते हैं, मगर इन तस्वीरों में ऐसा नहीं होता। यह लम्बे समय तक ऐसी ही रहती हैं।
भविष्य में आप क्या बनना चाहते हैं?
मैं फिल्म मेकर बनना चाहता हूं। मैं बचपन से ही सिनेमा का फैन रहा हूं। हॉलीवुड मुझे ज़्यादा पसंद है। वहां के सिनेमा का स्तर बहुत बड़ा है। मैंने पूणे से एडिटिंग और वी.एफ.एक्स. का कोर्स किया है और कुछ वक्त तक वहां काम भी किया है। ग्रेजुएशन ख्रत्म होते ही मैं किसी अच्छे फिल्म स्कूल से फिल्म-मेकिंग का कोर्स करना चाहता हूं और साथ ही साथ अपने ‘मिरर इमेज इनोवेशन‘ को भी आगे बढ़ाना चाहता हूं।