सीसीटीवी कैमरे और दुकानदार के बिना चलती है यहां दुकानें
आजकल का जमाना टेक्नोलॉजी का है हर दुकान में सीसीटीवी कैमरे लगे होते है ताकि वहां पर चोरी न हो, लेकिन चोर तो चोर है कही भी चोरी कर सकते है चाहे सीसीटीवी कैमरा लगा हो या न लगा हो। लेकिन दुनिया में ईमानदार लोगों की भी कमी नहीं है। हम आपको बताने जा रहे है मिजोरम के एक ऐसे मार्केट की कहानी जहां पर न तो सीसीटीवी कैमरा है और न ही दुकानदार है। यहां पर मौजूद है तो बस खरीदने के लिए सामान और उसके पैसे रखने के लिए एक बॉक्स। पर आपको बता दे कि यहां पर कोई भी चोरी नहीं करता हैं। आइए आपको बताते है इस बिना सीसीटीवी और दुकानदार वाले मार्केट के बारें में।
मिजोरम भारत की सुंदर वादियों मे से एक है। यहां के लोगों की अंदरूनी खूबसूरती भी यहां देखने को मिलती है। यहां के लोग ईमानदारी का पर्याय माने जाते है। शायद यही वजह है कि इस तरह का मार्केट यहां पर चल रहा है। मिजोरम में ये मार्केट ‘नघा लोउ दावर’ के नाम से जानी जाती हैं। राजधानी, ऐजवल से 65 किमी की दूरी पर हाईवे पर, महज़ विश्वास पर चल रही यह दुकाने अपने आप में ख़ास है ।
इस तरह चलती है दुकानदारी
यह दुकानें ज़्यादातर छोटे किसानो द्वारा लगायी जाती हैं, जो हर सुबह बांस से बंधे हुए ताख पर फल सब्जियां आदि रख तथा उसके बगल में चाक या कोयले से दाम लिख कर झूम खेती (जगह जगह किये गए छोटी छोटी खेती) के लिए निकल पड़ते हैं। इसी बीच वहां से गुजरने वाले लोग अपनी ज़रूरत के हिसाब से इन दुकानों पर सही दाम रख कर, सामान ले जाते हैं।
खुल्ले पैसों के लिए अलग बॉक्स
फल, सब्जियों, फलो के रस, छोटी मछलियों, आदि से सुसज्जित इन दुकानों पर दुकानदार नहीं बैठते। करीने से सजी इन सामग्रियों के बगल में एक तख्ते पर इनका मूल्य लिखा होता है। इन्हें खरीदने वाले ग्राहक अपनी ज़रूरत का सामान उठा कर यही पर पड़े कटोरे, जिन्हें ‘पविसा बावन’ या ‘पविसा दहना’ कहा जाता है, उनमे डाल देते हैं। यहीं पर, दुकानदार द्वारा छुट्टे पैसो का भी एक बक्सा रखा होता है जहाँ से ग्राहक बाकि पैसे खुद ही उठा सकते है।
गरीब किसानों की है दुकानें
इन दुकानों को चलाने वाले किसान अधिकतर गरीब तबके के होते है जिन्हें अपना घर चलाने के लिए पुरे साल झूम खेती भी करनी पड़ती है। ऐसे में न तो वे खुद इन दुकानों पर बैठ सकते है और न ही किसी को वहां बैठने के लिए रखने में समर्थ होते है। इसी कठिनाई का सरल उपाय बना है ‘नघा लोउ दावर’।
ग्राहकों ने नहीं किया निराश
इसे चलाने वाले दुकानदार अभी तक इससे खुश हैं और मानते हैं कि उनके ग्राहकों ने आज तक उन्हें निराश नहीं किया। सीसीटीवी के युग में, मिजोरम में मिसाल पेश करती यह दुकानें खुद में एक प्रेरणा है। एक ऐसी प्रेरणा जो हमें सिखाती हैं कि विश्वास और ईमानदारी एक दुसरे की पूरक है। एक के बिना दुसरे का होना असंभव है और जहाँ ये दोनों साथ है वहां एक बेहतर समाज की तरफ कदम बढ़ाना और भी आसान है।