“दशहरा उत्सव” के लिए मैसूर हाथियों का भी हुआ इंश्योरेंस
कनार्टक का एक शहर मैसूर चंदन के अलावा अपने दशहरा उत्सव के लिए काफी फेमस है। इस त्योहार को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। बाहर से आने वाले लोगों के लिए इस त्योहार में शामिल होने वाले हाथी आकर्षण का केंद्र होते हैं। इसलिए वानिकी विभाग के लिए ये त्योहार प्राथमिकता में रहता है। लेकिन इस बार इन हाथियों को लेकर वानिकी विभाग पहले से ज्यादा सर्तक हो गया है। इसलिए इस बार इन हाथियों का इंश्योरेंस कराया गया है। वो इसलिए कयोंकि हाथियों को दूसरी जगह ले जाने पर काफी चोट आ सकती है। ये भी हो सकता है कि उत्सव के दौरान ये कोई पबलिक या प्राइवेट प्रॉपर्टी को कोई नुकसान पहुंचा दें। इस बात को ध्यान में रखते हुए 12 हाथियों का इंश्योरेंस कराया गया है। इंश्योरेंस 32 लाख रूपए का हुआ है। दशहरा उत्सव को ध्यान में रखते हुए 12 हाथियों का इंश्योरेंस कराया गया है।
इस बार 12 हाथी बनेंगे आकर्षण का केंद्र-
करीब 12 हाथियों को इस बार होने वाले दशहरा उत्सव में होने वाले “जंबो सवारी” के लिए ट्रेनिंग दी जाने लगी है। रोजाना ये 12 हाथी अपने शेड्यूल के हिसाब से कड़ी मेहनत करते हैं। वानिकी विभाग की मानें तो इन हाथियों को स्वस्थ रखना इस विभग की सबसे बड़ी जिममेदारी है।
इनका भी हुआ इंश्योरेंस-
हाथियों के महावत और कावडिय़ों का इंश्योरेंस भी 35 लाख का हुआ है। हालांकि इस इंश्योरेंस में नर हाथी के दांत का इंश्योरेंस शामिल नहीं है।
एक हाथी के लिए 41,000 रूपए की रकम-
दशहरा उत्सव समीति की तरफ से एक हाथी के लिए 41,000 रूपए अदा किए गए हैं। प्रीमियम का अनुमान हाथियों की उम्र और उनके लिंग के हिसाब से लगाया गया है। आपको बता दें कि अगर हाथी के दांत का बीमा कराया जाए तो प्रीमियम बहुत ज्यादा होता है। वानिकी विभाग के उपसंरचक गणेश भट्ट ने बताया कि इंश्योरेंस कवर एक नियमित प्रक्रिया है। इसलिए सुरक्षा और सावधानी के लिए ही इनका बीमा किया जाता है।