मोदी सरकार पर ये क्या कह गए एक्टर नसरुद्दीन शाह
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के दो साल पूरे होने पर बॉलीवुड की दुनिया के एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर अनुपम खेर पर निशाना साधा था। अब उन्होंने कहा है कि ’मैंन ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। यह खबर गलत चलाई गई है।’
तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके एक्टर ने कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर अनुपम खेर पर भी निशाना साधा और कहा, वह व्यक्ति जो कभी कश्मीर में नहीं रहा, उसने कश्मीरी पंडितों के लिए लड़ाई शुरू की है। अचानक से वह एक विस्थापित व्यक्ति बन गए। उन्होंने राज्यसभा में गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दिए गए बयानों का समर्थन किया जिनमें गीतकार ने कहा था कि किसी को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी दूसरे के देशप्रेम पर सवाल उठाए।
शाह ने कहा कि मैं निराश हूं कि इस तरह के बयान (एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तरफ इशारा करते हुए) दिए गए और तब उनकी निंदा तक नहीं की गई। जैसा जावेद साहब ने कहा, वंदे मातरम और भारत माता की जय कहना उनका अधिकार है। मैं ऐसा अपनी मर्जी से कहूंगा न कि किसी के कहने पर। मैं उनका समर्थन करता हूं। किसी को मेरे देशप्रेम पर सवाल करने का अधिकार नहीं है।
ओवैसी ने कहा था कि वह भारत माता की जय का नारा नहीं लगाएंगे क्योंकि संविधान उनसे ऐसा करने को नहीं कहता। नसीरुद्दीन अपनी फिल्म ’वेटिंग’ के प्रचार के लिए राष्ट्रीय राजधानी में थे।
मोदी सरकार के लिए नसीरुद्दीन ने कहा था कि देश के नागरिकों को सरकार के प्रति धारणा बनाने से पहले उसे और समय देना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि वह कुछ पाठयक्रमों में किए गए बदलावों को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने साथ ही कहा था कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं है कि देश को अंधकार के दौर में ले जाए। लोग बहुत तेजी से फैसले लेते हैं और धारणाएं बना लेते हैं। मुझे लगता है कि हमें सरकार को और समय देना चाहिए। लेकिन कुछ चीजें हैं जो मुझे चिंतित करती हैं जैसे पाठ्य पुस्तकों में बदलाव जो कि चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि सत्ता में बैठे लोग अपने सामने मौजूद विकल्पों को समझने के लिहाज से मूर्ख नहीं हैं, ये विकल्प हैं कि या तो एक आधुनिक भारत का निर्माण करें या हमें अंधेरे के दौर में दोबारा ले जाएं। मुझे लगता है कि वह इतने मूर्ख नहीं हैं कि दूसरे विकल्प को चुनें। शाह ने कहा, किसी और चीज के लिए नहीं तो कम से कम सत्ता में रहने के लिए। मैं उम्मीद नहीं छोड़ रहा। अगर हम उम्मीद छोड़ दें तो इसका मतलब है कि हम लड़ाई हार चुके हैं।
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