टेलीकॉम सेक्टर में हुआ बड़ा सौदा, रिलायंस ने मिलाया एयरसेल से हाथ
महज दो हफ्ते पहले ही रिलांयस ने जियो मोबाइल को लॉन्च किया है। टेलीकॉम सेक्टर में अभी ये माहौल शांत भी नहीं हुआ रिलायंस ने एक और धमाका कर दिया है। रिलायंस कम्युनिकेशंस यानी कि आरकॉम ने एयरसेल में मर्ज होने का फ़ैसला कर लिया है। बुधवार को आरकॉम के बोर्ड ने रिलायंस कम्युनिकेशन और एयरसेल के विलय को मंजूरी दे दी है। बता दें कि टेलीकॉम सेक्टर में यह अब तक का सबसे बड़ा सौदा है।
टेलीकॉम सेक्टर में बढ़ेगा कॉम्पटीशन
दुनिया में मोबाइल कनेक्शन के मामले में यदि देखा जाए तो चीन के बाद भारत में टेलीकॉम का सबसे बड़ा मार्केट है। टेलीकॉम की इन दोनों कम्पनियों के बीच डील हो जाने से मार्केट में कॉम्पटीशन की स्थिति बनेगी। और इस बढ़ते हुए कॉम्पटीशन का फायदा निश्चित तौर पर मोबाइल यूजर्स को मिलेगा। दोनों कंपनी के एक साथ आ जाने से कम रेवेन्यू में ज्यादा फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे कम कीमत में यूजर्स को बेहतर ऑफर्स मिलेंगे। बता दें कि इस नई कंपनी का नाम मर्डेको होगा। इस कंपनी के पास 850, 900, 1800 और 2100 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम होंगे। इस लिहाज से यह कंपनी स्पेक्ट्रम के मामले में देश की दूसरी और यूजर्स के मामले में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी होगी। जहां एक ओर रिलायंस कम्युनिकेशंस के 9.87 करोड़ यूजर्स है तो वही एयरसेल के भी 8.8 करोड़ यूजर्स मौजूद हैं।
काफ़ी समय से इस डील पर हो रही थी चर्चा
सूत्रों की माने तो कई महीनों से इस डील पर रिलायंस और एयरसेल के बीच बातचीत चल रही थी। इस नई कंपनी की कुल संपत्ति 65,000 करोड़ रुपए बताई जा रही है। रिलायंस कम्यूनिकेशन ने एक बयान जारी कर बताया है कि इस सौदे से कंपनी के कर्ज़ में 20,000 करोड़ रुपए की कमी आएगी। वहीं दूसरी ओर यदि एयरसेल की बात की जाए तो उसे भी 4,000 करोड़ के कर्जे से मुक्ति मिल जाएगी।
विलय होने में चार से छह महीने का समय लगेगा
दोनों कंपनी ने कारोबारी विलय को लेकर पक्का समझौता तो पहले ही तय समय में कर लिया है। लेकिन बताया जा रहा है कि तकनीकी तौर पर दोनों कंपनियों को विलय होने में चार से छह महीने का समय लग सकता है।