करोड़ो की लॉटरी खुलने के बाद भी है गरीब
पश्चिम बंगाल के लख्मीरपुर का रहने वाले मोहिजुल रहाना शेख हाल ही में एक करोड़ की लॉटरी को जीतकर सुर्खियों मे आ गया था। लेकिन वह अभी तक करोड़पति बन नही पाएं है। वह अभी तक परेशान है। और उनकी जेब में अभी 200 रूपये हैं। गांव से नौकरी की तलाश में केरल आए युवक की एक करोड़ की लॉटरी लग गई। जिसके कारण वह सुर्खियों में आ गया था। उसे करोड़पति बनने की पदवी भी दी जा चुकी थी। लेकिन आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि उसके पास अभी सिर्फ 200 रूपये ही है। केरल से अपने घर बंगाल वापस लौटे शेख का कहना है कि लोगों को विश्वास नहीं हो रहा कि मुझे अभी तक पैसे नहीं मिले हैं। उन्हें लग रहा है कि मैं जान-बूझकर नहीं बता रहा।
शेख बताते है कि 10 दिन पहले वह मजदूरी करने केरल अपने दोस्त के साथ गया था। उस वक्त उसके पास 650 रूपये थे। 400 रूपए ट्रेन की टिकट और 150 रूपये खाने में खर्च हो गए। जब वे केरल पहुंचे तो उन्होने केरल में लॉटरी की टिकट उसके पास 100 रुपए बचे थे। केरल पहुंचकर उन्होने केरल सरकार की लॉटरी का टिकट लिया था। लॉटरी का नं 215092 हैं। उसके बाद सोमवार को उस पता लगा कि वह एक करोड़ रुपए की लॉटरी जीत चुका है। 215092 नंबर ने शेख की जिंदगी बदल दी। यह नंबर उसकी लॉटरी की टिकट का है। शेख का कहना है कि वह अभी भी अपने टिकट के नंबर देखता रहता है। 10 फीट चौड़ी और 10 फीट लंबी झोंपड़ी में रह रहे शेख के घर पर उसके रिश्तेदारों और जानकारो का जमावड़ा लगा रहता हैं।
ये है समस्या
शेख को करोड़पति बनने में एक अड़चन का सामना करना पड़ रहा है। शेख ने बताया कि जब वे बैंक में अपना चैक जमा कराने पहुंचे तो मैनेजर ने बताया कि चेक जमा कराने के लिए पेन कार्ड आवश्यक होता हैं। शेख ने पेन कार्ड बनने के लिए आवेदन दे दिया हैं। दूसरा सवाल उसके जहन में जो घूम रहा है वह है टैक्स का सवाल। अभी तक शेख के परिवार में से किसकी भी सदस्य ने टैक्स नहीं भरा है। शेख का कहना है कि कुछ लोग कह रहे हैं कि वे 20 फीसदी टैक्स काट लेंगे, कुछ कह रहे हैं कि वे 35 फीसद टैक्स काट लेंगे, क्या आप मुझे बता सकते हैं कि मुझे कितनी रकम मिलेगी?
खर्च करने की नही बनाई कोई योजना
शेख ने अभी लॉटरी के पैसे खर्च करने को लेकर कोई योजना नहीं बनाई है। उसने बताया कि मेरे पिता ने उन पैसों से कुछ जमीन खरीदने के लिए बोला है और मैं भी चाहता हूं कि कुछ पैसा साड़ी के बिजनेस में डालूं। उसकी पत्नी रफिजा की केवल एक मांग है। वह चाहती हैं कि उनकी दस महीने की बेटी मासूमा खातून को अच्छी शिक्षा मिले। रफिजा का कहना है कि हमारे परिवार में कोई भी सदस्य पहली क्लास से ज्यादा नहीं पढ़ा है। मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़े।
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