मात्र “686 रूपए” में इस लड़के ने रोक दिया साइबर अटैक, रातों-रात बन गया हीरो
दुनियाभर में 100 से भी ज्यादा देशों में हुए अब तक के सबसे बड़े साइबर हमले की चपेट में भारत भी आ गया है। रैनसमवायर साइबर हमले से ब्रिटेन , रूस समेत अन्य कई देश बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। द़ुनिया के कई देशों और साइबर इंटेलीजेंस एजेंसियों के हाथ-पैर फुलाने वाले इस हमले को 22 साल के एक लड़के ने कंट्रोल किया है। इस हमले से 6400 करोड़ लोगों को नुकसान पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इतना बड़ा नुकसान करने वाले इस हमले को इस साइबर रिर्सर्चर ने महज 686 रूपए में रोक दिया है। रैनसमवायर हमले की वजह से दुनियाभर के कई सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया था, लेकिन ब्रिटेन के एक लड़के की समझदारी ने इसे आगे फैलने से रोका।
ये काम करने के बाद रातों-रात ये शख्स हीरो बन गया है। द गार्जियन से मिली खबर के अनुसार मालवेयर टेक के नाम से काम करने वाले इस शख्स ने रैनसमवायर की एक कमजोरी का पता लगाया और उसी के बूते इस वायरस को फैलाने से रोका। ये शख्स ब्रिटेन में सिक्योरिटी रिर्सर्चर है। हालांकि इस मेलवेयर टेक ने अपना नाम बताने से इंकार दिया है, लेकिन उसने ये जरूर बताया की उसने कैसे संयोगवश इस अटैक को राक दिया। इस शख्स की कंपनी ने उसे इस हमले को रोकने के लिए इनाम देते हुए उसकी एक हफ्ते की छुट्टी को बढ़ाकर दो हफ्ते की कर दी है।
इस किल स्विच से रोका रैन समवायर को-
उन्होंने द गार्जियन को बताया कि मैं अपने दोस्त के साथ लंच कर रहे था, और तीन बजे वहां से लौटा, तभी मैंने साइबर हमले की खबर सुनी। मैंने काफी जांच परख की और मुझे मेलवेयर के पीछे एक सैंपल मिला। इस दौरान मुझे वायरस का एक किल स्विच मिला। जिसके जरिए मैं इसे रोकने में कामयाब भी हुआ। रिसर्र्चर ने द गाजियन को बताया कि जां के दौरान उन्हें पता चला कि वे मेलवयर एक खास वेब एड्रेस“gwea.com” से लगातार कनेक्ट होने की कोशिश कर रहा है।
इस वजह से नए कंप्यूटर में प्रॉब्लम आ रही थी। वेब एड्रेस से जुडऩे की कोशिश के दौरान इसके अक्षरों में कुछ गड़बड़ी थी। ऐसे में इस मेलवेयर टेक ने इस वेब एड्रेस को महज 686 रूपए में रजिस्टर कर लिया। इसके बाद उन्होंने पता लगाया कि वायरस किन-किन कंप्यूटर तक अपनी पहुंच बना रहा है। इससे मेलवेयर टेक समझ गए कि यह वायरस कैसे फैल रहा है। रजिस्टर होते ही यह वायरस कंप्यूटर-टू-कंप्यूटर फैलने से रूक गया।
इमरजेंसी में यूज होता है किल स्विच-
ज्यादातर साइबर हमलों में हमलावर एक किल स्विच जरूर लगाते हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक साइबर हमले के बाद स्थिति कंट्रोल नहीं हो पाती, तो ऐसे समय वायरस को सॉफ्टवेयर तक फैलने से रोकने की खातिर इसका यूज होता है। उन्होंने बताया कि किल स्विच के इस कोड को रैनसमवेयर की जांच कर रहे रिर्सर्चर को रोकने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन रिमोट से लैस न होने की वजह से यह उनके खिलाफ ही काम आ गया। सिक्योरिटी रिर्सर्चर की इस कामयाबी से पहले जो कंप्यूटर प्रभाावित हुए हैं, उन्हें तो नहीं सुधारा जा सका, लेकिन नए कंप्यूटर पर फैलने से इसे सफलतापूर्वक रोक दिया गया और मेलवेयर टेक रातों-रात हीरो बन गया। सिक्योरिटी रिर्सर्चर ने चेतावनी दी है कि आगे ऐसे वायरस नहीं फैलने चाहिए क्योंकि उन्हें किल स्विच के जरिए रोकना मुश्किल होगा।
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