80 के दशक के दृश्य, देखने लायक है फिल्म “रईस”
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फिल्म :– रईस
डायरेक्टर :- राहुल ढोलकिया
स्टार कास्ट :-शाहरूख़ खान (रईस अमाल), माहीरा ख़ान (मोहसिना), नवाजुद्दीन सिद्दीकी(एसीपी जयदीप), आर्यन बब्बर, जीनत अमान (रईस की मॉ)
रेटिंग :-5 में से 2 .5 सितारे
कहानी :- कहानी 80 के दशक के गुजरात की है जहां स्कूल जाने वाला रईस (शाहरूख ख़ान) और कबाड़ी में काम करने वाली उसकी मॉ (जीनत) ग़रीबी में ज़िदगी गुज़ारते थे। हालांकि घर की ऐसी हालत देखकर रईस देशी शराब की दुकान पर (अतुल कुलकर्णी) का चाहेता बन जाना है। अपनी अक्लमंदी से रईस खुद का धंधा शुरू करना चाहता है जिसके लिए रईस के गुरू ने उसके सामने शर्त रखी जिसके लिए रईस ने 3 दिन का टाईम मांगा। रईस इस शर्त को पूरा करने के लिए रईस मूसा भाई के पास जाता है। मूसा भाई को रईस अपनी स्टाईल से इम्प्रेस कर देता है और मूसा भाई उसकी हेल्प कर देता है। जहां वापसी पर रईस खुद का शराब का धंधा शुरू कर देता है। फिर एसीपी जयदीप अम्बालाल मजूमदार (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) की वजह से शराबियों पर कार्यवाही की जाती है लेकिन रईस हमेशा बच जाता है। देखने वाली बात ये है कि,आखिर कब तक रईस और एसीपी के बीच का ये चुहे बिल्ली का खेल आखि़र कभी ख़त्म भी होता है या नहीं । ये जानने के लिये आपको फिल्म देखनी होगी।
ये देखें फिल्म में
सिनेमेटोग्राफी कमाल की है, आज के समय में 80 के दशक को देखना आकर्षक है। शाहरूख खान की डेयरिंग से भरी अदा और उसके साथ-साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मौजूदगी फिल्म के बाकी सह कलाकार ने भी बडा अच्छा काम किया है। फिल्म के डायलॉग तो पहले से हिट है ही फिल्म के बीच में इन डायलॉग्स को सुनना वाकई मज़ेदार है। ख़ास तौर पर शाहरूख़ के फैंस के लिए ये फिल्म बिल्कुल ही पैसा वसूल है।
फिल्म के कमजोर पहलू की बात करें तों हाफ फर्स्ट के मुकाबले सेकंड हाफ थोड़ा स्लो है। फिल्म में गानों पर कम फोकस कर फिल्म को थोड़ा और ध्यान दिया जा सकता था। ज्यादा लम्बें एक्शन सीन से लगभग लोग उब सकतें है। खबरों की माने तों 90 करोड़ के बजट वाली इस फिल्म को भारत में लगभग 25000 स्क्रीन पर रिलीज़ किया जा़ रहा है। अच्छी ओपनींग के साथ ये फिल्म वीकेण्ड में अपना अच्छा कलेक्शन कर सकती है।
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