फैशन वल्र्ड का हिस्सा बन रही संभल की ज्वेलरी, दुनियाभर के शोरूम में मचा रही धूम
बेहतरीन क्राफट और कम कीमत के चलते दुनियाभर के बड़े शोरूम में बनी आर्टिफिशियल ज्वेलरी की धूम है। यूएसए की फॉरएवर 21, वॉलमार्ट, टारगेट, ट्यूज डे मॉर्निंग, टॉपशॉप जैसी कंपनियों के रिटेल स्टोर्स पर संभल की ज्वेलरी चमक रही है। अनुमान है कि इस ज्वेलरी का सालाना निर्यात करीब तीस करोड़ रूपए का है।
संभल के सरायतरीन में मेटल बेस पर हड्डी , सींग और सीप के टुकड़ों की सजावट करके सुंदर जवेलरी तैयार की जाती है। ज्वेलरी की डिजाइन में नए एकसपेरीमेंट भी हो रहे हैं। लकड़ी और प्लास्टिक के साथ रेजन मटेरियल से आर्टिफिशियल ज्वेलरी अब फैशन वल्र्ड का हिस्सा है। लेकिन ज्यादा डिमांड हड्डी , सींग और सीप से तैयार उस ज्वेलरी की है, जिसमें मशीनों का काम कम और हस्तशिल्पियों का काम ज्यादा होता है।
आर्टिफिशियल ज्वेलरी की डिमांड संसार के पचास से ज्यादा देशों में है। अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका के नामी स्टोर्स में इनकी सेल काफी अच्छी है। ब्रिटेन में तो रेडिमेड गारमेंट के प्रमोशन के लिए प्रोडकट के तौर पर यहां की ज्वेलरी ही दी जाती है।
विदेशों के लिहाज से काफी सस्ती है ज्वेलरी-
आमतौर पर अमेरिका के रिटेल स्टोर्स में दस से बीस डॉलर की आर्टिफिशियल ज्वेलरी का एक सेट खरीदा जाता है। इसमें कड़े , बैंगल्स, अंगूठी, नेकलेस शामिल होता है। आकर्षक डिजाइन की चूडिय़ों का सेट दस डॉलर में बिक जाता है। विदेशों के लिहाज से ये काफी सस्ता है।
हर साल होती है नए डिजाइन की डिमांड-
सरायतरीन में बनने वाली आर्टिफिशियल ज्वेलरी में बीस हजार से ज्यादा डिजाइन उपलबध हैं। ज्वेलरी के बिजनेसमेन ताहिर सलामी के अनुसार इतना हुनर यहां के कारीगरों में है कि वे फॉरन बायर्स के सैंपल को देखकर वैसे ही डिजाइन्स की ज्वेलरी बनाने लग जाते हैं। यही वजह है कि अब धीरे-धीरे संभल की ज्वेलरी का ट्रेंड भारत में भी दिखने लगा है।