दादी जानकी का शताब्दी वर्ष : माउंट आबू में लगेगा आध्यात्म का मेला
कई राज्यों के मुख्यमंत्री, न्यायाधीश, पत्रकार और धर्माचार्य पहुंचेंगे, दुनिया देखेगी सौर उर्जा के अविश्वसनीय प्रयोग
आबू रोड। ब्रह्मकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी सौ साल पूरे करने जा रही हैं। इस मौके पर माउंट आबू में आध्यात्म के मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कई राज्यों के मुख्मंत्री, न्यायाधीश, पत्रकार और धर्माचार्य शिरकत करेंगे। मेले की सबसे खास बात ये है कि इसमें सौर ऊर्जा के अविश्वसनीय प्रयोग देखने को मिलेंगे। सौर ऊर्जा की मदद से पचास हजार लोगों के लिए यहां खाना बनाया जाएगा। मेले का आयोजन 29 से 31 जनवरी तक के लिए किया जाएगा।
एक नजर में ब्रह्मकुमारीज संस्थान
प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थापना सन् 1973 में हुई। जिस दौर में महिलाओं के अधिकारों की चर्चा तक नहीं होती थी उस दौर में नारी शक्ति को आगे रखते हुए संस्था के साकार संस्थापक प्रजापति ब्रह्मा बाबा ने इस संस्था की स्थापना की। राजयोग और आध्यात्म के जरिए जाति, धर्म, रंगभेद, अश्लीलता, भ्रष्टाचार, अत्याचार, आतंकवाद तथा सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की मुहिम में संस्थान् लगातार प्रयासरत है। इसके लिए संस्थान को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति दूत के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा संस्थान् को 6 पीस मेडल का खिताब भी मिला है। यह संस्थान संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा गैर सराकारी संस्थान् के रूप में मान्यता प्राप्त है। संस्थान् इकासॉक एवं यूनिसेफ का भी सदस्य है। आज 45 हजार से ज्यादा युवा बहनें समर्पित होकर संस्थान का निर्देशन कर रही हैं। साथ ही करोड़ों लोग इसके सदस्य हैं। 140 देशों में इसके 9 हजार से भी ज्यादा केंद्र हैं।
इसलिए जरुरी है ये कार्यक्रम
आज पूरे विश्व में महिलाओं के अधिकारों की बात की जाती है। परंतु किसी भी कॉर्पोरेट अथवा संस्थागत स्तर पर महिलाओं को इस तरह का दर्जा प्राप्त नहीं है। अगर कहीं है भी तो कई प्रकार की समस्याओं का पिटारा खुला रहता है। लेकिन ब्रह्मकुमारीज संस्थान ने इस मान्यता को झुठलाते हुए बहनों और माताओं के हाथों में संस्थान की बागडोर सौंपकर यह सिद्ध कर दिया है कि नारी ही शक्ति है। यह अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं है।
|