2017 के बजट से स्टूडेंट्स को उम्मीदें
हर साल भारत सरकार केंद्रीय बजट जारी करती है। यह प्रक्रिया सभी हितधारकों के साथ उचित विचार करने के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा की जाती है। बजट 2017 अब आने ही वाला है, हम आप के लिए आईआईएम रायपुर के छात्रों के विचार प्रस्तुत करना चाहते हैं। छात्रों ने विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशद विचार प्रस्तुत किए जैसे शिक्षा, रक्षा, सामाजिक क्षेत्र आदि और बजट का क्षेत्र वार आवंटन क्या होना चाहिए और उसका कारण क्या होना चाहिए। छात्रों के विचार हैंः
जसोजीत मुखर्जी, पीजीपी प्रथम वर्ष विद्यार्थी,
इस साल, जबकि उत्तरी खंड में विमुद्रीकरण की छाया व्याप्त है; माननीय प्रधान मंत्री के लिए आम आदमी समर्थक बजट देना एक रणनीतिक आवश्यकता है। बजट में प्रिंट मीडिया और रेडियो के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रतिबंध को दूर किया जा सकता है; साथ ही यह उचित समय है कि देश में कानूनी परिदृश्य की प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए कानूनी क्षेत्र खोल दिया जाए।
अविनाश जावादे, एफपीएम विद्यार्थी
विमुद्रीकरण ने मांग प्रेरित करने के साथ ही आपूर्ति को भयभीत भी किया है। हालांकि सकल घरेलू उत्पाद, अल्पावधि में प्रभावित होना स्वाभाविक है, आयकर स्लैब को रीसेट (निचले तरफ) करने और लघु और मध्यम उद्यमों के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए व्यापक उपायों से धीरे-धीरे इन आघातों को अवशोषित करने में मदद मिलेगी। धन की अत्यधिक उपलब्धता के साथ अब बैंकों द्वारा परिसंपत्तियों के सही मूल्यांकन और प्रभावित परिसंपत्तियों के पुनर्वास पर नजर रखना होगा। उचित उपाय स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि यह अधिशेष धन राशि सही उधारकर्ताओं का ऋण के रूप में उपयोग किया जा सके।
गरिमा बिष्ट, पीजीपी प्रथम वर्ष छात्र
आय कर के लिए पात्र न्यूनतम वार्षिक आय के स्तर को रू.250000 के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर उच्च आय वालों को कर के दायरे में लाना चाहिए। हाल ही में हुआ विमुद्रीकरण से अचल संपत्ति की कीमतों में कमी आई है इससे मध्यम वर्ग के लिए आवास सस्ते हो सकते हैं। आम आदमी की खरीद क्षमता को बढ़ाने के लिए रियल एस्टेट स्टाम्प शुल्क में कटौती जैसे उपाय भी निर्धारित किए जा सकते हैं। कर प्रशासन में सुधार कर विवेकाधिकार को कम कर जवाबदेही बढ़ाई जा सकती है।
कृषिः 2020 तक कृषि उत्पादन को दोगुना करने के प्रयास में, सरकार को बजट 2017 में कृषि ऋण और फसल बीमा के अधिक से अधिक उपयोग के लिए योजनाओं को लागू करना चाहिए।
बैंकिंग क्षेत्रः इंद्रधनुष योजना के तहत उच्च पूंजी निवेश। बैंकिंग क्षेत्र की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता में सुधार के लिए बुनियादी सुविधाओं, आवास और शहरी विकास के लिए उच्च आवंटन। विमुद्रीकरण के हाज हम सरकार से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए रोड मैप और प्रोत्साहन प्रदान करने की उम्मीद करते हैं।
सोहम दत्ता, पीजीपी प्रथमवर्ष विद्यार्थी
सरकार विमुद्रीकरण के अवांछित प्रभाव को कुछ कम करने के लिए गरीबी का मुकाबला करने के प्रयास में लागू विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के एक विकल्प के रूप में एक यूनिवर्सल बुनियादी आय (यूबीआई) की नीति लागू करेगी।
इसके अलावा, उद्योगों में स्टार्ट-अप आसानी से सुलभ धन और एक उदार कराधान नीति के रूप में प्रगतिशील सुधारों और नीतियों की उम्मीद करेंगे जो कि स्टार्ट-अप के प्रारंभिक वर्षों में नकदी प्रवाह पर दबाव कम करेगा।
साधु धनुष रेड्डी, पीजीपी प्रथम वर्ष विद्यार्थी
इस साल का बजट, विमुद्रीकरण और “भू राजनीतिक समीकरणों“ के बदलने की बाद तैयार किया जा रहा है। इन मुद्दों ने समाज के विभिन्न वर्गों की उम्मीदों को काफी बढ़ा दिया है। इन मुद्दों पर समाज के विभिन्न वर्गों में उम्मीदों का एक बहुत उठाया।
मैं उम्मीद करता हूँ कि बजट राजग सरकार की मेगा परियोजनाओं का प्रोत्साहन करेगा – मेक इन इंडिया विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कम ब्याज दरों के रूप में, बैंकिंग क्षेत्र का पुनर्निर्माण, स्थानीय खपत को बढ़ावा देने के लिए कर नीतियों में परिवर्तन आदि। बजट में क्रेडिट ऋण और कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाकर स्टार्ट-अप को बड़ा समर्थन दिए जाने की उम्मीद है।
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