जानिए इस बार जेटली की पोटली से क्या निकला है आपके लिए ख़ास
नोटबंदी के बाद से ही लगभग सभी की नज़रें आम बजट पर थी। सभी के जेहन में एक ही सवाल था कि इस बार बजट में हमारे लिए क्या ख़ास होगा। तो अब आपका इंतजार ख़त्म हुआ। दरअसल बुधवार यानी कि आज वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संसद में बजट पेश कर दिया। जिसमें उन्होंने आम जनता की छोटी सी छोटी ज़रूरत का ख़्याल रखा हैं। बजट दस हिस्सों में पेश किया गया है।
बजट में किसानों की इनकम, रूरल डेवलपमेंट में इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, यूथ्स को जॉब्स, ग़रीबों के लिए मकान, पब्लिक सर्विस में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना और ईमानदारों के सम्मान और डिजिटल इकोनॉमी को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा इस बजट की एक ख़ासियत और भी है कि तकरीबन 92 साल बाद इसमें पहली बार रेल बजट को शामिल किया गया है।
तो चलिए आपको विस्तार से बताते है कि इस बार के बजट में आपके लिए क्या ख़ास है।
स्टूडेंट्स के लिए
वित्तमंत्री ने देशभर के विद्यार्थियों को भी ख़ास सौगात दी है। सेकंडरी एजुकेशन को अलग से प्रोत्साहित करने के लिए फंड की व्यवस्था की गई है। प्रवेश परीक्षाओं के लिए अलग से बॉडी बनाई जाएगी। गुजरात, झारखंड में एम्स खोले जाएंगे।एससी, एसटी और अल्पसंख्यकों के विकास के लिए भी सरकार खास ध्यान दे रही है। अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 4195 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इनकम टैक्स
बजट 2017-18 में कुल व्यय 21.47 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। भारत में टैक्स से आने वाली आय काफी कम है। असंगठित क्षेत्र में लगे 4.2 करोड़ व्यक्तियों में से केवल 1.74 करोड़ आय का आंकड़ा देते हैं। वर्ष 2016-17 के लिए 5.97 लाख कंपनियों ने अपने आय का विवरण प्रस्तुत किया है। 2015-16 में 3.7 करोड़ व्यक्तियों में से 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख की छूट सीमा से कम आय दिखाई। पूरे देश में 50 लाख से अधिक आय दिखाने वाले लोगों की संख्या केवल 1.72 लाख है। रक्षा बजट के लिए 2.74 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया।
टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स स्लैब में बदलाव की घोषणा की। 3 लाख तक आय वाले व्यक्तियों पर कोई टैक्स नहीं, पहले यह सीमा 2.5 लाख रुपये थी। एक करोड़ से अधिक आय वाले लोगों पर 12 फीसदी सरचार्ज जारी रहेगा। 5 से 10 लाख रुपये तक की आय के लिए 20 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। पहले भी 20 फीसदी ही टैक्स लगता था।
50 करोड़ तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों पर 25 फीसदी टैक्स का प्रस्ताव। छोटी कंपनियों को टैक्स में छूट की घोषणा की गई। भूमि अधिग्रहण पर मुआवजा कर मुक्त होगा। सस्ते घरों की योजना में बड़े घर होंगे, बिल्ड-अप एरिया को कारपेट एरिया माना जाएगा। हम टैक्स रेट को व्यवहारिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। टैक्स में मध्य वर्ग को राहत देने का ऐलान किया जा रहा है।नोटबंदी की वजह से लोगों को अपनी आय बतानी पड़ी है।
सरकार के द्वारा किए गए गंभीर प्रयासों के कारण अग्रिम कर में वृद्धि दर 34.8 प्रतिशत है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट पेश करते हुए कुछ पंक्तियां भी कही नई दुनिया है, नया दौर है, नई है उमंग, कुछ थे पहले के तरीके तो कुछ हैं आज के रंग ढंग, रोशनी आकर अंधेरे से जो टकराई है, कालेधन को भी बदलना पड़ा अपना रंग।
इन्फ्रास्ट्रक्चर
मुख्य डाकघरों को पासपोर्ट सेवा देने का फ्रंट कार्यालय बनाया जाएगा। पीपीपी मॉडल से छोटे शहरों में भी एयरपोर्ट बनाए जाएंगे। कोच की शिकायतों के लिए कोच मित्र योजना लाई जा रही है। हाइवे के लिए 64 हजार 900 करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था की गई है। 3 लाख 96 हजार करोड़ रुपये का फंड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए और यह अबतक का रेकॉर्ड है।
ओडिशा राजस्थान में क्रूड ऑइल रिजर्व बनाए जाएंगे। विदेशी निवेश को मंजूरी देने वाला एफआईपीबी खत्म किया जाएगा। सरकार अपने सोलर पावर प्रॉजेक्ट को 20,000 मेगावॉट तक लेकर जाएगी। वित्तीय वर्ष 2017-18 में पीएम आवास योजना के फंड को 23000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया।
किसानों के लिए ख़ास सौगात
लघु एवं मध्य वर्ग के किसानों को भी सहकारी क्रेडिट सेक्टर के माध्यम से मदद की कोशिश की जाएगी। छोटे एवं सीमांत किसानों की मदद के लिए 1900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, इसमें राज्यों की भी भागीदारी रहेगी। पिछले बजट में 5500 करोड़ की तुलना में इस बार 13000 करोड़ रुपये किसान बीमा योजना के लिए दिए गए। किसानों के हित में मिट्टी के परीक्षण के लिए 100 से ज्यादा अनुसंधान लैब बनाए जाएंगे। फसलों के बीमा का कवरेज 50 फीसदी तक बढ़ा है।
कृषि क्षेत्र में 4.1 फीसदी की वृद्धि दर देखी गई, फार्म क्रेडिट के तौर पर 10 लाख करोड़ का लक्ष्य बजट में बनाया गया हैः जेटली 2019 तक एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर लाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार मनरेगा को भी नए तरीके से किसानों, मजदूरों के बीच लेकर जा रही है। मार्च 2017 तक मनरेगा के तहत 10 लाख तालाब बना लिए जाएंग। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 55 फीसदी हुई। मनरेगा के लिए पिछले साल 38000 करोड़ दिए थे, इस बार बजट में 48000 करोड़ रुपये का प्रावधान। मनरेगा के तहत जितने भी संसाधन हैं उनपर जियो टैग लगाने की बात है।
गांवों के लिए ये ख़ास
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में गांवों का भी ख़ास तौर पर ख्याल रखा है। वित्तमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत तेजी से सड़क बनाई जा रही है। प्रधानमंत्री अवास योजना के तहत 2019 तक एक करोड़ घर दिए जाएंगे। 1 मई 2018 तक देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत रोजाना 133 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं।
राष्ट्रीय पेयजल योजना के तहत आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित इलाकों तक पानी पहुंचानी की कोशिश। डेयरी विकास के लिए 8000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। एक करोड़ परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर निकालेंगे। सेकंडरी एजुकेशन को अलग से प्रोत्साहित करने के लिए फंड की व्यवस्था की गई है। अब 60 फीसदी गांवों में शौचालय है, स्वच्छ भारत मिशन में सरकार को सफलता मिल रही है।
राजनीतिक चंदों में पारदर्शिता
राजनीतिक दलों के चंदे पर पारदर्शिता की बात कर रहे हैं । जिन दाताओं ने किसी भी राजनीतिक पार्टी को 20 हजार या इससे अधिक कैश में दान दिया है उनकी सूची बनाने की जरूरत, एक राजनीतिक पार्टी एक व्यक्ति से अधिकतम 2000 रुपये का कैश चंदा ले सकती है, राजनीतिक पार्टियां अपने दानदाताओं से 2000 रुपये से अधिक का चंदा चेक या डिजिटल माध्यम से ही लेंगी ।
नोटबंदी को लेकर बोले जेटली
नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था में जो धीमी गति आई वह एक ट्रांजिट फेज है, लंबे समय में फायदा हो। नोटबंदी से होने वाले फायदे गरीबों तक पहुंचाए जाएंगे, बैंक भी कर्ज की दरों को कम कर पाएंगे। हम इस तरह के कदम लगातार उठाते रहेंगे जिससे महिलाओं, मजदूरों, किसानों और पिछड़े लोगों तक विकास पहुंचे। वर्ष 2016 में दुनिया में उभरती हुई अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन दिखा, लेकिन बाद में उन्होंने प्रगति की।
हमारे सामने चुनौती थी कि हम धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएं। भारत दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक उभरते हुए सितारे के रूप में सामने आया है। हम जनधन, आधार और मोबाइल की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। विश्व बैंक ने भारत की जीडीपी वृद्धि को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। जेटली ने गांधी को याद किया, कहा, ’हमारे राष्ट्रपिता ने कहा था कि एक सही उद्देश्य कभी असफल नहीं होता।’ बजट में गांवों के विकास पर ज्यादा फोकस किया गया है। हमारी सरकार ने सुधार के 3 बड़े फैसले किए है। बजट में इस बार 10 बड़ी चीजों पर फोकस किया है, इनमें किसान, इंफ्रास्ट्रक्चर, युवाओं को रोजगार, सोशल सिक्यॉरिटी, आवास, फाइनैंशल सेक्टर और डिजिटल इकॉनमी जैसी चीजें शामिल हैं।
रेलवे के लिए ये है ख़ास
रेलवे के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। आईआरसीटीसी को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए रेलवे हेतु 55000 करोड़ रुपये का बजट दिया गया। रेलवे के लिए ये खास प्रावधानः विकास पर खर्च होंगे 1.31 लाख करोड़, 3500 किमी नया रेलमार्ग, 7000 रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा की सुविधा आईआरसीटीसी पर सर्विस चार्ज नहीं।
रेलवे यात्रियों की सुरक्षा, सफाई, विकास और आय पर फोकस करेगी। रेलवे अतिरिक्त संसाधनों से पैसा जुटाने की कोशिश करेगी। रेलवे सरंक्षा के लिए एक लाख करोड़ का फंड दिया गया है। 2017-18 में 3500 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाने का प्रावधान किया गया है। 2020 तक चौकीदार वाले फाटक खत्म कर दिए जाएंगे। टूरिजम और धार्मिक यात्राओं के लिए अलग से ट्रेनें चलाई जाएंगी। ट्रेनों में बायो टॉइलट लगाए जाएंगे, 2019 तक इस काम को समाप्त कर लिया जाएगा। ई टिकट पर सर्विस टैक्स नहीं लिया जाएगा। मेट्रो रेल के लिए नई नीति की घोषणा की जाएगी। रेलवे के लिए 1.31 लाख करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है।
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