भारत का वो “VVIP” पेड़, जिसकी देखभाल के लिए खर्च होते हैं 15 लाख रूपए
दुनियाभर में कई पेड़-पौधे होते हैं। जिनके बारे में हम सभी बहुत कुछ नहीं जानते और कुछ ऐसे जो इंसान की लापरवाही के कारण उजड़ जाते हैं और इन पर कोई ध्यान देने वाला भी नहीं होता, लेकिन इन सभी के बीच एक ऐसा पेड़ है, जिसकी किस्मत शायद उन सभी पेड़ों से ज्यादा अच्छी है। कहने को तो ये भी एक आम पेड़ जैसा ही है, लेकिन इस पेड़ की सुरक्षा का इंतजाम इतना कड़ा है कि सुनने वाला दंग रह जाए। इस पेड़ को वीवीआईपी नाम दिया गया है।
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दरअसल, ये पेड़ मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और विदिशा के बीच पडऩे वाले सलामतपुर की पहाड़ी पर लगा हुआ है। इस पेड़ की निगरानी 24 घंटे होती है। दिलचस्प बात तो ये है कि जहां भारत में पौधरोपण होने के बाद भी पेड़ों की देखभाल पर ध्यान नहीं दिया जाता , वहीं इस पेड़ की देखभाल के लिए हर साल करीब 12 से 15 लाख रूपया खर्च हो जाता है। इसलिए इसे देश का वीवीआईपी पेड़ कहा जाता है।
चार गार्ड मिलकर सातों दिन और 24 घंटे के हर पल इस वीवीआईपी पेड़ की देखभाल करते हैं। यहां तक की है इस पेड़ के लिए विशेष तौर पर पानी के टैंकर की व्यवस्था भी की गई है। दरअसल यह एक बोधि वृक्ष है जो 100 एकड़ की सलामतपुर की पहाड़ी पर लगा हुआ है। साल 2012 में 21 सितंबर को श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे ने इस बोधि वृक्ष को यहां पर लगाया था। इस पेड़ को लोहे की करीब 15 फीट ऊंची जाली के अंदर हर वक्त होमगार्ड्स की निगरानी में रखा जाता है।
बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए इस बोधि वृक्ष का खास महत्व है। बौद्ध धर्मगुरू की मानें तो बोधगया में भगवान बुद्ध ने इसी पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। इस पेड़ के मेंटेनेंस पर हर साल तकरीबन 12-15 लाख रुपए खर्च होते हैं। इस पेड़ की सुरक्षा में तैनात एक गार्ड ने बताया कि साल 2012 में उसकी यहां तैनाती हुई थी। उन्होंने बताया कि पहले इस बोधि वृक्ष को देखने बहुत लोग आते थे, हालांकि अब लोगों की संख्या में थोड़ी कमी आई है।
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