दो बच्चों की इस मां ने 28 लाख का कर्ज लेकर माउंट एवरेस्ट किया फतेह
माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वालों की संख्या में जहां दिनों-दिन इजाफा हो रहा है, वहीं यहां चढ़ाई करने के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पर्वतारोहियों की संख्या में बढ़ रही है। पिछले छह दिनों में दो से तीन पर्वताराहियों की मौत की खबर सामने आई है। माउंट एवरेस्ट फतेह करना वाकई एक बहुत बड़ा मिशन है, जिसे पूरा करने की इच्छा हर पर्वतारोही की होती है। हाल ही में सभी बाधाओं से जूझते हुए राजस्थान की आशा झाझडिय़ा ने माउंट एवरेस्ट फतेह कर लिया है। आशा ने सुबह 4 बजे माउंट एवरेस्ट फतेह किया। उनकी इस उपलब्धि की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव झूंझनू में खुशी का माहौल हो गया। आपको बता दें कि आशा दो बच्चों की मां और पेशे से नर्स हैं। वे अलवर जिले में कोटकासिम के जाटूवास प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हैं।
पीएफ की राशि भी निकाल ली-
आशा ने बताया कि माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए 28 लाख रूपए की जरूरत थी। एवरेस्ट की चोटी नेपाल और चीन में है। पैसे जमा होने के बाद ही अनुमति मिली। भाई विक्रम सिंह ने बताया कि आशा ने 28 लाख रूपए की व्यवस्था जान पहचान वालों , रिश्तेदारों और अपने पीएफ अकाउंट से पैसे निकालकर की।
अमरनाथ यात्रा करते हुए बढ़ा जुनून
करीब दो साल पहले आशा अमरनाथ यात्रा पर गई थीं , उस दौरान रास्ते में दुर्गम बालटाल घाटी के बाद अमरनाथ की चढ़ाई का जुनून देखकर उसने एवरेस्ट फतेह करने की ठानी। आशा ने इस यात्रा के लिए हुई परीक्षा में साए़े सोलह हजार फुट ऊंची चोटी की चढ़ाई का पहला स्तर पास किया। इसके बाद 17500 फुट चोटी की चढ़ाई कर ए ग्रेड हासिल किया व माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई उन्होंने पिछले महीने 7 अप्रैल को शुरू की थी। आपको बता दें कि आशा का पति पेशे से हरियाणा पुलिस में हैं। उनके पिताजी मोहरसिंह झाझडिय़ा को पैरालिसिस है, इसके बावजूद भी उन्होंने आशा का हौंसला कम नहीं होने दिए और उनकी इस सफलता में उनकी हिम्मत बढ़ाई।
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