SC ने नोटबंदी के फ़ैसले पर दखल देने से किया इनकार
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सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फ़ैसले पर दखल देने से साफ़ तौर पर इनकार कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने नोटबंदी के बाद लोगों को हो रही परेशानी का जिक्र किया है। इसके लिए कोर्ट ने केन्द्र सरकार से जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने मोदी सरकार से जवाब मांगा है कि उसने आम जनता को हो रही परेशानी को कम करने के लिए क्या इंतजाम किए है। बता दें कि नोटबंदी के सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ कोर्ट में चार जनहित याचिकाएं दायर की गई थी।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सरकार के अचानक लिए गए इस फ़ैसले से चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई है और लोगों को काफ़ी परेशानी हुई है। ऐसे में आर्थिक मामलों के विभाग की इस नोटिफिकेशन को या तो खारिज कर दिया जाना चाहिये या कुछ समय के लिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। कोर्ट में दायर की गई इन जनहित याचिकाओं में दिल्ली के दो वकीलों का भी शामिल है।
दिल्ली के वकील विवेक नारायण शर्मा और संगम लाल पांडेय ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार के इस फ़ैसले ने देश में उथल-पुथल का माहौल बना दिया है और इससे व्यापक रूप से जनता का उत्पीड़न हो रहा है। इस मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस टी.एस. ठाकुर और जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की बेंच कर रही है। इस मामले पर अगली सुनवाई 25 नवम्बर को हो सकती है। ग़ौरतलब है कि मोदी सरकार ने आठ नवंबर की आधी रात से 500 और 1,000 रुपए के नोट को बैन कर दिया था। इनकी जगह पर 500 और 2,000 रुपए का नया नोट जारी किया गया है।
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