एक लीटर में ग्यारह हजार किमी दौड़ेगी ये कार
टेक्नोलॉजी ने आजकल जिंदगी को बहुत फास्ट कर दिया है और हर समस्या का हल निकाल दिया है। आजकल हम सभी एक समस्या से जूझ रहे है और वो है कि हमारी गाड़ी माइलेज नहीं देती। जर्मनी स्थित एक यूनिवर्सिटी ने एक ऐसी कार बनाई है जिसका माइलेज अब तक कि कारों मे सबसे ज्यादा है। आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि इस कार का माइलेज 10957.02 किमी प्रति लीटर है। इस कार पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इस पर मुहर लगाई है।
इलेक्ट्रिकल व्हीकल है कार
जर्मनी स्थित टेक्नीकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख की टीयूफास्ट ईको टीम ने ईएलआई 14 नाम की एक कार बनाई हैं। जिसने एक लीटर फ्यूल की ऊर्जा में 10,957.02 किमी तक की दूरी तय की। टीयूफास्ट ईएलआई14 अब दुनिया की सबसे किफायती इलेक्ट्रिक कार है।
ईएलआई14 एक इलेक्ट्रिक वीइकल है। इस कार ने एक निश्चित दूरी तय करने के लिए जितनी ऊर्जा का उपयोग किया, यदि उसे किमी/लीटर में बदला जाए तो यह 10957.02 किमी/लीटर आएगी।
11 हजार किमी का देगी माइलेज
ईएलआई14 ने पहले 1142 किमी/केडब्ल्यूएच की औसत ऊर्जा का इस्तेमाल किया था। टीम ने एक और प्रयास किया जिससे यह इस्तेमाल की गई ऊर्जा का औसत बढ़कर 1232 किमी/केडब्ल्यूएच हो गया। इसका मतलब यह हुआ कि यह कार एक लीटर फ्यूल से जितनी ऊर्जा निकलती है, उतनी ऊर्जा में यह कार लगभग 11,000 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है। इस कार में सिर्फ ड्राइवर के लिए जगह है और इसे लेटकर चलाना पड़ता है। ईएलआई14 में ऐल्युमिनियम स्टीयरिंग आर्म दिया गया है। घर्षण को कम रखने के लिए इसमें तीन पहिए लगाए गए हैं।
ये कार के फीचर्स
फीचर्स की बात करें तो इसमें ड्राइवर की मदद के लिए रियर व्यू कैमरा, कम्यूनिकेशन फसिलिटी, रियलटाइम ब्रॉडकास्ट फसिलिटी और मकैनिकल डिस्क ब्रेक्स जैसे तमाम जरूरी फीचर्स मौजूद हैं। गाड़ी को लिथियम-पॉलिमर बैटरी से एनर्जी मिलती है। सेकंडरी एनर्जी सोर्स के तौर पर सोलर सेल्स का इस्तेमाल किया जाता है। इस कार की डिजाइन को ऐसा रखा गया है जिससे हवा का प्रतिरोध इसे कम से कम करना पड़े। कार के निर्माण में कार्बन फाइबर रीइन्फोर्स्ड प्लास्टिक (सीएफआरपी) प्रिपेग टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया गया है। कार में 3डी फ्रंट विंडो दिए गए हैं जिन्हें एक्रिलिक ग्लास से बनाया गया है। ईएलआई14 की साइड विंडोज मैक्रोलोन से बनाई गई हैं।
यह कार 30 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है। इस कार को सबसे पहले शेल ईको मैराथन में 2 साल पहले प्रदर्शित किया गया था, हालांकि तब इसकी माइलेज ऐसी नहीं थी। इस कार को बनाने वाले स्टूडेंट्स ने इसे अपग्रेड करने के लिए एक साल तक लगातार काम किया और अंततः उनकी मेहनत रंग लाई और इसे गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में जगह मिली।