बौनों का एक गांव , जिसका रहस्य है आज तक अनसुलझा
सामान्य तौर पर हर बीस हजार इंसानों में से एक इंसान बौना होता है यानि इनका प्रतिशत बहुत कम होता है। लेकिन चीन के शिचुआन प्रांत के दूर-दराज इलाके में मौजूद गांव यांग्सी की कहानी ही अलग है। इस गांव की लगभग पचास प्रतिशत आबादी बौनी है। इस गांव में रहने वाले 80 में से 36 लोगों की लंबाई मात्र दो फीट एक इंच से लेकर तीन फीट दस इंच तक है। इतनी ज्यादा तादाद में लोगों के बौने होने के कारण यह गांव बौनों के गांव के नाम से प्रसिद्ध है। हालांकि इनकी बड़ी तादाद में लोगों के बौने होने के पीछे कया रहस्य है इसका पता वैज्ञानिक पिछले साठ सालों में भी नहीं लगा पाए हैं।
गांव के बुजुर्गों के अनुसार उनकी खुशहाल और सुकून भरी जिंदगी कई दशकों पहले ही खत्म हो चुकी थी, जब उनके प्रांत को एक खतरनाक बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया था। जिसके बाद से कई लोग अजीब-गरीब हालात से जूझ रहे हैं। जिसमें ज्यादातर पांच से सात साल के बच्चे हैं। इस उम्र के बाद उनकी लंबाई रूक जाती है।
इस इलाके में बौनों को देखे जाने की खबर 1911 से ही आती रही है। 1985 में जब जनगणना हुई तो गांव में ऐसे करीब 119 मामले सामने आए । समय के साथ ये रूकी नहीं , बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी ये बीमारी भी आगे बढ़ती गई। इसके डर से गांव के लोगों ने गांव छोड़कर जाना श़ुरू कर दिया। हालांकि साठ साल बाद अब जाकर हालात सुधरे हैं अब नई पीढ़ी में ये लक्षण कम नजर आ रहे हैं।
वैज्ञानिक इस गांंव के पानी , मिट़्टी, अनाज आदि का कई बार अध्ययन कर चुके हैं, लेकिन वो इस स्थिति का कारण खोजने में नाकाम रहे हैं। अब गांव के लोग इसे बुरी ताकत का प्रभाव मानते हैं, तो कुछ लोगों का कहना है कि खराब फैंगशुई के चलते ऐसा हो रहा है। वहीं कुछ का कहना है कि ये सब पूर्वजों को सही तरीके से दफन न करने के चलते हो रहा है।