यूपी के नए सीएम होंगे योगी आदित्यनाथ, जानिए ख़ास बातें
परीक्षित गंगराड़े. बीजेपी विधायक दल की मीटिंग में वरिष्ठ बीजेपी सांसद योगी आदित्य नाथ को सर्वसम्मति से यूपी विधायक-दल का नेता चुन लिया गया, इसी के साथ सीएम पद की रेस उन्होंने जीत ली. 5 जून 1972 को जन्मे 45 वर्षीय योगी आदित्यनाथ 1998 से लगातार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तथा वे गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। वह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, जो कि हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है।
पॉलिटिकल कैरियर
योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय सिंह है। वे राजपूत (क्षत्रिय समाज से सम्बन्ध रखते हैं। आदित्यनाथ बारहवीं लोकसभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। उस समय उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी। उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित से B.Sc. किया है। उन्होंने धर्मांतरण (जैसे निम्न वर्ग हिंदुओं को ईसाई बनाना) एवं गौ-वध रोकने की दिशा में सार्थक कार्य किये हैं। वे गोरखपुर से लगातार 5 बार से सांसद हैं।
भारतीय जनता पार्टी से रिश्ता एक दशक पुराना
आदित्यनाथ के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से ज्यादा पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन
योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 व 2014 में सांसद चुने गए। योगी ने अप्रैल २००२ मे हिन्दु युवा वाहिनी बनायी जिसके कार्यकर्ता पूरे देश मे हिन्दु धर्म विरोधी कार्यो को रोकने का काम कर रहे हैं।
इन विवादों से रहा है नाता
7 सितम्बर 2008 को सांसद योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बच गये। यह हमला इतना बड़ा था की सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया।आदित्यनाथ गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी। जिलाधिकारी ने बताया की वह बुरी तरह जख्मी हैं। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए। तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धान्जली सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया। उनपर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा।
यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फ़ैल गए। उनकी गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से आदित्यनाथ के ही दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी।
योगी आदित्य नाथ के सीएम चुने जाने पर बहुसंख्यक वर्ग में हर्ष का माहौल है, सारे यूपी में चहुँऔर खुशियां मनाई जा रही हैं, जुलुस एवं नाच गाकर एक दूसरे का मुँह मीठा कराया जा रहा है. इसी के साथ यूपी को दो डिप्टी सीएम भी मिलने की उम्मीद है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशवप्रसाद मौर्य एवं लखनऊ के मेयर और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.दिनेश शर्मा हो सकते हैं यूपी के सेकंड हेड।
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