इस देश में गरीब भी थे अरबपति, करोड़ों डॉलर में खरीदते थे फल और सब्जियां
सोचिए अगर आपके पास ढेर सारा पैसा हो तो आपकी ज़िन्दगी कैसी होगी और अगर आपकी ही तरह सभी के पास ढेर सारा पैसा होगा तो उनका क्या होगा। आप कहेंगे कि सभी के पास पैसा होगा तो सभी की ज़िन्दगी में खुशहाली आ जाएगी लेकिन ऐसा होता नहीं है। जहां सबके पास पैसा होता है वहां वो दिक्कतें झेलनी पड़ती है जिनके बारे में सोचने से भी मन सिहर उठता है।
जो सपना हमने आपको पहले पेराग्राफ में दिखाया है वो एक देश में हो चुका है और यहां के लोग इतना पैसा रखने का अंजाम भी भुगत चुके है। हम बात कर रहे हैं जिम्बॉब्वे की। एक ऐसा देश जिसमें लोगों के पास इतना पैसा था कि वहां एक गरीब इंसान भी अरबपति था लेकिन आज उनके पैसों की कोई कीमत नहीं है।
भारत में नोटबंदी के बाद जिस तरह कालाधन सामने आया और उसकी कोई वैल्यू नहीं रही ठीक उसी तरह जिम्बॉब्वे के लोगों के पास भी ढेरों रूपए थे वे लखपति नहीं अरबपति थे लेकिन उनके पैसों की कोई वैल्यू नहीं थी। यहां पर इतनी महंगाई हो गई थी कि लोग सब्जी खरीदने के लिए ठेलों में भरकर पैसा ले जाते थे।
साल 2009 के लगभग जिम्बॉब्वे के लोगों के पास इतना पैसा था कि यहां हर कोई अमीर बन गया था लेकिन यहां पर महंगाई की दर उससे भी ज़्यादा हो गई थी। आपको यकीन नहीं आएगा यहां पर सेब खरीदने के लिए आपको 100 बिलियन जिम्बाब्यिन डॉलर चुकाने पड़ते थे। इसके अलावा यहां एक दर्जन केले पचास मिलियन डॉलर में बेचे जाते थे।
यहां पर महंगाई बढ़ने का कारण ये था कि लोगों के पास अंधाधुंध पैसा था जिसकी कोई सीमा नहीं थी ऐसे में हर कोई किसी भी चीज़ को खरीद सकता था। मार्केट में सामानों की डिमांड बढ़ने लगी और ये इतनी बढ़ गई कि बात मिलियन और बिलियन पर पहुंच गई। इसकी अगर महंगाई की दर आप देखेंगे तो अचंभे में ही पढ़ जाएंगे। नेक्सट पेज पर पढ़ें पूरी स्टोरी
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