सभी किताबें अब ऑनलाइन : CBSE
स्कूलों के बढ़ते खर्चे को लेकर परिजन अक्सर शिकायत करते ही रहते है। शायद यह उचित भी है क्योंकि स्कूल मेनेजमेंट नए नए बहानों से खासकर किताबों के लिए पैसे वसूलते ही रहते है। सरकारी किताबों से न पढाते हुए निजी प्रकाशकों से कमीशन की वजह से यह किया जाता है। इसी वजह से सीबीएसई ने सख्त कदम उठाते हुए ऐसी सूविधा उपलब्ध करवाई है जिसमें अब वर्ग एक से 12 वीं तक सभी विषयों की किताबें एक क्लिक में आखों के सामने होंगी। सीबीएसई ने यह कदम निजी स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें पढ़ाये जाने की शिकायत पर सभी पुस्तकें ऑन लाइन उपलब्ध करा दी हैं।
दबाव होगा कम
सीबीएसई की किताबों को वेबसाइट पर अपलोड करने से छात्र-छात्राओं को सिलेबस की जानकारी आसानी से हो सकेगी। इससे उनके पठन-पाठन में काफी सहूलियत होगी और सिलेबस को लेकर दबाव कम होगा। इसके अलावा महत्वपूर्ण तथ्यों को छात्र जरूरत के हिसाब से आसानी से डाउनलोड भी कर सकेंगे।
मजबुरी का फायदा
पढ़ने वालों की मजबूरी है कि सस्ती सरकारी किताबें बाजार में आने का इंतजार करने की बजाय वे निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदें। हालांकि अधिकृत प्रकाशकों की किताबों के मुकाबले ये कई गुना महंगी हैं। अधिकृत प्रकाशकों की किताबों की अधिकतम कीमत 70 रुपये है, जबकि निजी प्रकाशकों की वही किताबें 150 से 170 रुपये की हैं।
एनसीइआरटी की पुस्तकें epathshala.nic.in पर उपलब्ध करायी गयी हैं। जबकि सीबीएसई की पुस्तकें www.cbse.nic.in पोर्टल पर अपलोड कर दी गयी है। सीबीएसई ने सभी वर्गों के बच्चों के लिए एनसीइआरटी की पुस्तकें लागू की हैं।
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