फेसबुक का उपयोग बना जानलेवा
आज का दौर टेक्नोलॉजी का दौर है। हर तरफ आपको सोशल मीडिया की गूंज सुनाई देगी। ऐसे में ये बेहद ज़रूरी है कि सोशल मीडिया पर किसी से भी दोस्ती करने से पहले आप एक बार ज़रूर सोचे। यहां हमारा मकसद न तो आपको सोशल मीडिया के प्रति डराना है और न ही लोगों के प्रति। हम आपको टेक्नोलॉजी के प्रति जागरूक करना चाहते हैं कि उसके फायदे बहुत है लेकिन साथ ही साथ नुकसान भी है। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में दिल को झकझोर देने वाली एक घटना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
महज 16 साल की लड़की। नाम प्रिया रावत। आम लड़कियों की भांति इंदौर की प्रिया रावत भी अपनी दुनिया में खुश थी। उसने भी सोशल मीडिया पर आपकी और हमारी तरह एक अंजान फ्रेंड रिक्वेस्ट को एकसेप्ट किया था। थोड़े समय बाद दोनों में बातें होने लगी और दोनों की दोस्ती बढ़ गई। लेकिन जब प्रिया को पता चला कि जिससे वह फेसबुक पर लड़की समझ कर बात कर रही है वह लड़की नहीं बल्कि एक लड़का है। यह जानने के बाद प्रिया ने उसे ब्लॉक कर दिया।
उस लड़के का नाम अमित यादव है। पेशे से वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। प्रिया के इस व्यवहार के बाद अमित ने प्रिया की मां किरण को फोन किया और कहा कि वो प्रिया से बात करना चाहता है, लेकिन जब प्रिया की मां ने अपनी बेटी से इस संबंध में बात की तो अमित की सारी पोल खुल गई। प्रिया ने अपनी मां को बताया कि उसे अमित नाम का एक लड़का बेवजह परेशान कर रहा है। कुछ समय बाद अमित ने प्रिया की मां किरण को फिर फोन किया। इस बार उसने किरण से रिक्वेस्ट की। सिर्फ़ पांच मिनट ही बात करना है। किरण ने भी सोचा कि पांच मिनट बात करने से कोई बात नहीं बिगड़ती। सोचा कि इस बार वह खुद उसे अपने तरीके से समझा देगी। लेकिन क्या पता था कि ये पांच मिनट ही उसकी दुनिया उजाड़ देंगे।
अमित प्रिया के घर के अंदर आया। और बात करने के बहाने प्रिया पर पीछे से चाकूओं से वार करने शुरू कर दिए। अमित ने कुल 12 वार किए। बेटी की चीख सुनकर जब किरण बचाव के लिए आगे आई तो उसने किरण पर भी वार किए। घर में शोर गुल हुआ। आवाज सुनकर पड़ोस के लोग बाहर आए। इसी दौरान अमित अपना बचाव करने के लिए अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल से कूद गया। इस भयानक हादसे के बाद घायल मां और बेटी दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया। प्राथमिक इलाज मिलने के बाद किरण की हालत तो ठीक हो गई लेकिन प्रिया ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया क्योंकि वारदात के समय ही उसने दम तोड़ दिया था। इस वारदात को अंजाम देने में अमित को भी चोट आई है। अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल से कूदने पर उसके सीधे हाथ की चार उंगली और पैर में फ्रैक्चर हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने उस पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
वैसे पुलिस को बयान देने के दौरान अमित बार-बार अपने बयान से पलट रहा था। यहां तक की वो तो अपने परिवार वालों को भी झूठ बोलकर घर से निकला था। उसने कहा था कि वह इंटरव्यू देने के लिए जा रहा है जबकि उसका इरादा तो प्रिया को मौत के घाट उतारना था।
यह घटना सोचने पर मजबूर करती है कि क्या पढ़े लिखे युवा भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे सकते है ? क्या आजकल के युवाओं की सोच इतनी खोखली हो गई है कि वे रिजेक्शन स्वीकार नहीं कर सकते और इस तरह के भयावह कदम उठा सकते हैं?
अमित के इस कदम ने न केवल प्रिया के जीवन को खत्म किया, बल्कि उसके माता-पिता से उनके जीने की वजह भी छीन ली है। प्रिया अपने मां-बाप की इकलौती संतान थी और इसी के साथ अमित ने ख़ुद का करियर भी खराब कर लिया है। भारत में इस तरह के केस लगातार बढ़ रहे हैं जो आपको यह सोचने पर मजबूर करते है कि क्या सोशल मीडिया का अंधाधुंध उपयोग उचित है? कही ऐसा तो नहीं हम आगे बढ़ने के चक्कर में गहरी खाई में गिरते जा रहे हैं। मेरी राय में इस तरह की घटनाओं को रोकने का सिर्फ़ एक ही समाधान है। जिससे भी आप दोस्ती कर रहे हो एक बार ज़रूर सोचें कि कहीं आपको इस दोस्ती की कीमत न चुकाना पड़ जाए। इसके साथ ही जब कभी ऐसी असहज स्थिति में हो तो अपने बड़ो से ऐसी बातों को जरूर शेयर करें। इन बातों को छोटी बात समझ कर नज़रअंदाज़ करने की गलती न करें क्योंकि एक दिन यहीं छोटी सी गलती एक बड़ी वारदात में तब्दील हो जाती है और सबकुछ खत्म कर देती है।
आजकल डिजिटल क्राइम पर अवेयरनेस लाने के लिए बहुत सी साइट्स है जहां आप यह जान सकते हैं कि अपने आपको सुरक्षित रखकर कैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा सकता है साथ ही साथ बहुत सी सेमिनार और अवेयरनेस प्रोग्राम आए दिन आयोजित किए जा रहे हैं जिनका मकसद आपको इस तरह की घटनाओं से बचाना हैं।