महिलाओं में बढ़ रहा है दिल का रोग, हुई दस फीसदी की वृद्धि
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महिलाओं में दिल से जुड़़ी बीमारियों का प्रतिशत 10 फीसदी तक बढ़ गया है। 40 साल से कम उम्र के लोगों में इसमें 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एक रिपोर्ट के खुलासे में ये बात सामने आई है। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के रिसर्च में ये बात सामने आई है कि कोरोनरी हार्ट डिसीज भारतीयों मे तेजी से बढ़ रही है। भारत धीरे-धीरे दुनिया के दिल के रोगों का देश बनता जा रहा है। रिसर्च के दौरान पिछले पांच सालों के दौरान नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के मरीजों को लिया गया।
रिसर्च में कहा गया है कि दुनिया में दूसरे हिस्से की आबादी की तुलना में भारत में दिल के दौरेे से होने वाली मौतों की तादाद चार गुना ज्यादा है। छोटी उम्र में ही इन रोगों की शुरूआत और महिलाओं में रोगों की बढ़ती दर इससे भी ज्यादा चिंता की बात है। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के सीईओ आरे हार्ड सर्जन डॉ.ओपी यादव के अनुसार रिसर्च में आए आकंड़ों से पता चला कि युवाओं और महिलाओं को आज दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा है। इस बदलते ट्रेंड का कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल, तंबाकू और अन्य उत्पादों के सेवन में वृद्धि और स्ट्रेस प्रमुख कारण हैं। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के आंकड़े बताते हैं कि मासिक धर्म बंद होने से पहले के दौर में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जीवनशैली के कारणों की वजह से दिल के रोगों का इलाज करवाने आ रही हैं। 25 प्रतिशत महिलाओं की बायपास सर्जरी की गई। इस रिसर्च में शामिल महिलाओं की तादाद पिछले पांच सालों में दस प्रतिशत बढ़ी है।
कैसे बचाएं खुद को दिल का रोग होने से-
– पॉजिटिव सोच के साथ स्ट्रेस फ्री लाइफ जीना चाहिए।
– फलों का भरपूर आहार लेना अच्छा है।
– हर रोज कम से कम तीस मिनट का व्यायाम जरूर करें। इससे दिल अच्छी तरह से काम करता रहेगा।
_ 35 की उम्र के बाद रैगुलर चेकअप कराते रहना चाहिए।
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