5500 नहीं 8000 साल पुरानी है सिंधु घाटी सभ्यता
वैज्ञानिकों की खोज में पाया गया था कि सिंधु घाटी सभ्यता लगभग 5500 साल पुरानी है। लेकिन हाल ही में आईआईटी खड़गपुर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों ने सिंधु घाटी सभ्यता को लेकर ऐसे फेक्ट सामने रखे है। जिनसे पता चलता है कि सिंधु घाटी सभ्यता 5500 साल नहीं बल्कि 8000 साल पुरानी हैं
अगर वैज्ञानिकों का दावा सहीं है तो सिंधु घाटी सभ्यता मिस्त्र की मेसापोटामिया की सभ्यता से भी पुरानी सभ्यता हैं जानकारी के अनुसार मिस्त्र की सभ्यता 7000 ईसा पूर्व से लेकर 3000 ईसा पूर्व तक रहने के प्रमाण है। जबकि मेसोपोटामिया 65,00 से 31,00 ईसा पूर्व की सभ्यता मानी जाती है. रिसर्चरों ने हड़प्पा सभ्यता से 1,000 साल पहले की सभ्यता के प्रमाण भी खोज लिए हैं. यह रिसर्च प्रतिष्ठित रिसर्च मैगजीन नेचर में प्रकाशित हुई है।
हरियाणा की खुदाई में मिले साक्ष्य
अभी तक के सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमाण पाकिस्तान के हड़प्पा और मोहनजोदड़ो और भारत के धोलावीरा, लोथल और कालीबंगन से मिले थे। वैज्ञानिकों का मानना था कि सिंधु सभ्यता हरियाणा स्थित भिर्राना और राखीगढ़ी में थी। भिर्राना हरियाणा के फतेहाबाद का छोटा सा गांव है, जबकि राखीगढ़ी हिसार में है। भिर्राना की खुदाई करने पर वैज्ञानिकों को हड्डयिं, गायों के सींग, बकरयिं, हिरणों और चिकांरा के अवशेष मिले। डेक्कन कॉलेज की आरती देशपांडे मुखर्जी ने बताया कि इन सभी चीजों की कार्बन 14 एनालसिसि के जरिए जांच की गई।
भारत के बड़े हिस्से में था सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार
रिर्सचरों का मानना है कि सिंधु घाटी सभ्यता का विस्तार भारत के बड़े हिस्से में था. इस विस्तार अब लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी के किनारे या घग्गर-हाकरा नदी तक था। अनिंदय सरकार ने कहा, ’इस बारे में बहुत पर्याप्त अध्ययन नहीं किया गया क्योंकि हमारे पास जा भी जानकारियां है, वो अंग्रेजों द्वारा कराई गई खुदाई पर आधारित है।
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