अब दिल्ली में नहीं सुनाई देगी पटाखों की गूंज
जी हां, अब देश की राजधानी दिल्ली में पटाखों की गूंज नहीं सुनाई देगी। दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फ़ैसला सुनाते हुए बढ़ते प्रदूषण की मार झेल रही दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर ही नहीं इनके इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक दिल्ली एनसीआर में पटाखों के होलसेल और रीटेल विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से तीन महीने में इस पर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि सर्वोच्च अदालत के अगले आदेश तक दिल्ली में पटाखों पर बैन जारी रहेगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में तीन बच्चों की ओर से दाखिल एक याचिका में दशहरे और दीवाली पर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी। अपनी तरह की यह अनूठी याचिका दाखिल करने वाले इन बच्चों की उम्र 6 से 14 महीने के बीच है। बहरहाल, ये पहला मामला है जब ऐसा हुआ है कि बच्चे पटाखा बैन करने के लिए कोर्ट के दरवाजे पर जा पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट से पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के लेवल को लेकर अहम टिप्पणी की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिवाली पर पटाखे दगाने के लिए टेंपररी लाइसेंस की मांग करने संबंधी एक याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि दिवाली पटाखों का नहीं, दीयों का त्योहार है।
ग़ौरतलब है कि इस बार दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के कारण प्रदूषण के कारण एक सप्ताह तक लोगों को सांस लेने में तकलीफ हुई थी। यहां तक कि लोगों को मास्क पहनकर घर ने निकलना पड़ता था। कई लोगों ने आंखों में जलन में शिकायत भी की थी। दिल्ली में बिगढ़ते हालातों को देखते हुए कुछ दिनों के लिए कई स्कूलों को भी बंद करना पड़ा था।
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