देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का ने इन्फोसिस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उनके इस इस्तीफे से कुछ दिनों के लिए उनका प्रमोशन हो गया है लेकिन इसके बाद वे कंपनी छोड़ देंगे। उन्हें प्रमोट करके एग्ज्कि्युटिव वाइस चेयरमने बनाया गया है लेकिन सिर्फ नए सीईओ के न आने तक।
आपको बता दें कि प्रमोटरों के साथ लगातार मतभेदों के चलते विशाल सिक्का ने इस्तीफा दिया है। इस बात को उन्होंने अपने सार्वजनिक रूप से लिखे रिजाइन लेटर और ब्लॉग में भी लिखा है। दरअसल, कंपनी में कामकाज की संस्कृति में बदलाव, वेतन वृद्धि, नौकरी छोड़नेवाले कर्मचारियों की बढ़ती तादाद, कंपनी छोड़नेवालों को दिए जानेवाले मुआवजे (सेवरेंस पे) आदि को लेकर प्रमोटर लगातार आवाज उठाते रहे। खासकर, कंपनी के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति इन मुद्दों पर काफी मुखर रहे। कंपनी के पूर्व सीएफओ राजीव बंसल को मिले सेवरेंस पे पर उन्होंने गहरी आपत्ति जताई।
बहरहाल, विशाल सिक्का ने रेजिग्नेशन लेटर में अच्छे काम को लगातार नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने लेटर में लिखा कि काम में लगातार रुकावट डाली जा रही थी। सिक्का ने अपने इस्तीफे में लिखा, ’ऐसे रुकावट भरे माहौल में मेरे लिए काम करना मुश्किल हो गया है। मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद और झूठे साबित हुए हैं। मैंने शेयरधारकों के हित में इस्तीफा दिया है।’ इस्तीफे पर कंपनी ने कहा कि नए मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के पदभार संभालने तक विशाल एक्जिक्यूटिव वाइस-चेयरमेन बने रहेंगे। 31 मार्च, 2018 से पहले-पहले यह नियुक्ति कर दी जाएगी।
विशाल सिक्का ने अपनी कंपनी के कर्मचारियों को इस्तीफे की जानकारी मेल से दी। उन्होंने अपना पूरा मेल ब्लॉग पर डाला, विशाल सिक्का ने मेल में लिखा कि जबतक नया मैनेजमेंट काम नहीं संभाल लेता तब तक वह कंपनी में बतौर वाइस चैयरमैन बने रहेंगे। विशाल सिक्का ने इसी तरह की 10 बातें अपने मेल में लिखी है-
1. उन्होंने कहा कि वह कई दिनों से इस फैसले के बारे में सोच रहे थे, लेकिन पिछले कुछ तिमाही के माहौल को देखते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
2. उन्होंने कहा कि कंपनी की 3 साल की सफलता के बावजूद उनके साथ खराब व्यवहार हुआ, व्यक्तिगत प्रहार बढ़ते रहे, ऐसे में वह नई इन्नोवेशन को आगे नहीं बढ़ा सकते और बतौर सीईओ कंपनी के साथ जुड़े नहीं रह सकते।
3. उन्होंने कहा कि 2014 में जब कंपनी के साथ जुड़े थे तो माहौल बहुत चुनौतीपूर्ण था लेकिन 3 साल में उन्होंने परिस्थितियों को बदला है।उन्होंने कहा कि जून 2014 में परिस्थितियां बहुत खराब थीं, कंपनी की ग्रोथ रेट बहुत कम थी, लेकिन 3 साल में कंपनी हर दिशा में बेहतर काम कर रही है जिसकी उन्हें खुशी है।
4. उन्होंने कहा कि इस कंपनी और इस इंडस्ट्री में जो बदलाव हुए हैं उनके लिए वह हमेशा जोश भरा रहा है और रहेगा। लेकिन कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए हमें इसे शोर शराबे से दूर करना होगा।
5. उन्होंने कहा कि अब आगे बढ़ना होगा और ऐसे माहौल में वापस जाना होगा जहां इज्जत हो सके, भरोसा हो और अधिकार हो। जहां मे ज्यादा बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकूं।
6. उन्होंने कहा कि इस कंपनी में उन्होंने 3 साल बिताए हैं, कुछ लोग पूछ रहे हैं कि क्या इसका कोई खेद है। इसके जबाव में मैं कहूंगा की मुझे जरा भी खेद नहीं है, एक सेकेंड के लिए भी खेद नहीं है।
7. भविष्य के बारे में विशाल सिक्का ने कहा कि वह अगले कुछ हफ्तों और महीनों के लिए कंपनी के बोर्ड और मैनेजमेंट के साथ मिलकर काम करेंगे। इसके बाद कुछ ग्रेट करेंगे साथ में अपने चाहने वालों के साथ भी समय बांटेंगे।
8. हालांकि विशाल सिक्का ने पिछले कुछ दिनों के माहौल के बारे में भी लिखा। उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों के शोर की वजह से वह काम नहीं कर सके हैं।
9. विशाल सिक्का ने अपने पत्र में कंपनी के कई लोगों के नाम के साथ जिक्र किया है और उनका धन्यवाद भी दिया है।
10. अंत में विशाल सिक्का ने लिखा है कि 3 साल में उन्होंने कंपनी की नींव को 30 साल के लिए मजबूत कर दिया है।
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# Interesting Facts of Vishal Sikka
कौन है विशाल सिक्का
मध्यप्रदेश के शाजापुर में 1 जून 1967 को जन्मे विशाल सिक्का की परवरिश गुजरात के बडोदरा में हुई. जब वह 6 साल के थे तभी उनका परिवार को गुजरात के वडोदरा आ गया था. सिक्का ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बड़ौदा और राजकोट से की।
2014 में संभाला था इन्फोसिस को
विशाल सिक्का ने 1 अगस्त 2014 को इंफोसिस के नए सीईओ और एमडी का पद संभाला था. ऐसा पहली बार था, जब इंफोसिस में कंपनी के बाहर से आए किसी शख्स ने सीईओ की कुर्सी संभाली थी. विशाल सिक्का क्लाइंट से मिलने के लिए प्राइवेट प्लेन का इस्तेमाल करते थे, जिसकी आलोचना इंफोसिस के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति भी कर चुके हैं.
2021 तक काम करना चाहते थे सिक्का
फरवरी 2016 में इंफोसिस ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाकर मार्च, 2021 तक कर दिया था. कंपनी का कहना था कि सिक्का की पहल से इंफोसिस उद्योग में अपनी अग्रणी स्थिति को फिर से हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
12 साल तक किया पिछली कंपनी में काम
सिक्का इंफोसिस ज्वाइन करने से पहले जर्मनी की कंपनी एसएपी के चीफ टेक्निकल ऑफिसर के पद पर काम कर चुके हैं. इसके साथ ही वह एसएपी में कई बड़े और अहम पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. सिक्का ने एसएपी के एचएएनए प्लेटफॉर्म को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई थी। वह 12 साल तक इस कंपनी के साथ रहे. विशाल सिक्का ने 1997 में आईब्रेन सॉफ्टवेयर तैयार किया।