जेएनयू में बंधक संकट खत्म, 22 घंटे बाद बाहर आए VC
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नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी जेएनयू एक बार फिर विवादों में है। गुरूवार को करीब 22 घंटे से जेएनयू में चल रहा छात्रों का आंदोलन आखिरकार समाप्त हो गया। छात्रों एवं जेएनयू प्रबंधन के बीच चली लंबी वार्ता के बाद प्रशासनिक भवन में लगा ताला खोल दिया गया। इसके साथ ही यहां बंधक बने जेएनयू के कर्मचारी भी मुक्त हो गए। दरअसल जेएनयू के छात्रों का आरोप है कि 5 दिन से लापता स्टूडेंट नजीब अहमद का कोई सुराग नहीं लग रहा। जिस कारण बुधवार दोपहर स्टूडेंट भड़क गए और करीब 200 स्टूडेंट्स ने एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग का घेराव किया। वाइस चांसलर, रेक्टर, प्रॉक्टर और रजिस्ट्रार समेत कई अफसरों को बंधक बना लिया।
बाद में वीसी बाहर आए और उन्होंने कहा कि नजीब के बारे में पता करने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसके बाद भी छात्र शांत नहीं हुए और हंगामा लगातार जारी रहा। इस मामले में वीसी ने कहा, ”प्रदर्शन कर रहे छात्रों को यह समझना चाहिए कि इस तरह अपने शिक्षकों को बंधक बनाना उचित नहीं है। इससे अपना जेएनयू प्रभावित होगा। यूनिवर्सिटी के वीसी का आरोप है कि ‘उन्हें गलत तरीके से बंधक बनाया गया’। एम जगदीश कुमार ने कहा, ”हम इमारत के भीतर दिन में 2.30 बजे से बंद हैं। हमारे साथ एक महिला सहकर्मी भी हैं जो अस्वस्थ हो गईं हैं क्योंकि उनको मधुमेह है।”
गौरतलब हो कि स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद शनिवार से कथित तौर पर लापता है। उसके लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था। छात्र के अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद वसंत कुंज उत्तर थाना में एक व्यक्ति के अपहरण और गलत तरीके से कैद कर रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई।
विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने 15 अक्तूबर की दोपहर को अहमद के गुम होने के बाद पहली बार मीडिया को बताया कि लड़के का पता लगाने के लिए सारे कदम उठाए गए हैं और वह परिवार के संपर्क में भी हैं। कुमार ने कहा, ’लेकिन हम उसकी सुरक्षा के बारे में वाकई चिंतित हैं और पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और जो भी जरूरत है वो सूचना प्रदान कर रहे हैं। हमने नजीब अहमद से भी अपील की है कि अगर वह इसे पढ़ रहा है तो विश्वविद्यालय लौट आए। हम उसे सभी तरह की मदद का आश्वासन देते हैं।
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