स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को नेवी ने किया रिजेक्ट
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नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने भारत में बने पहले हल्के लड़ाकू विमान तेजस को अपने विमानवाहक पोतों पर तैनात करने से इंकार कर दिया है। नेवी का कहना है कि ये विमान उसकी जरूरतों के लायक नहीं है। नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने तो इसे ’ओवरवेट’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि हम अपनी जरूरतों के लिए किसी अन्य विमान को खरीदने पर विचार कर रहे हैं।
नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने कहा
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उन्होंने कहा, ’जहां तक विमानवाहक पोत आधारित विमान की बात है तो हमें विमानवाहक पोत को शामिल करने के समय चाहिए। हमारे पास मिग 29k है जो विक्रमादित्य से परिचालित होता है और आईएनएस विक्रांत से परिचालित होगा।’ लांबा ने कहा, ’हम अपने दो विमानवाहक पोतों से हल्के लड़ाकू विमान (तेजस) के परिचालित होने की उम्मीद करते हैं।’ उन्होंने कहा कि फिलहाल नौसेना ऐसे विमान की पहचान करने की प्रक्रिया में है जो जरूरतों के हिसाब से खरा उतरता हो।
इसी साल नेवी में शामिल हुआ था तेजस
तेजस इसी साल नेवी में शामिल हुआ था। यह स्वदेशी तकनीक वाला पहला फाइटर प्लेन है। तेजस 3000 किमी तक मार कर सकता है। इसकी अधिकतम गति 2205 किमी प्रति घंटा है। इसका कुल वजन 6500 किलोग्राम है और लंबाई 13 मीटर है।
क्या है खास
तेजस एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मिसाइल दागने में कैपेबल है। साथ ही इससे एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट को भी दागा जा सकता है। तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमिनियम अलॉय और टाइटेनियम मिलाकर बनाया गया है। तेजस फाइटर सिंगल सीटर है और इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है।अब तक यह कुल 3184 बार उड़ान भर चुका है। तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।तेजस की डेवलपमेंट कॉस्ट 7 हजार करोड़ रही।
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