वल्र्ड हेरिटेज साइट में शामिल हुई नालंदा यूनिवर्सिटी
शुक्रवार को येनेस्को ने करीब दो सदी पुराने नालंदा विश्वविद्यालय को वल्र्ड हेरिटेज साइट घेषित कर दिया है। यह यूनिवर्सिटी तीसरी शताबदी ईसा पूर्व में स्थापित हुई थी। यूनेस्को वल्र्ड हेरिटेज कमेटी की एक विज्ञपित में कहा गया है कि नालंदा भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। 800 सालों तक ये सेंटर ऑफ नॉलेज रहा है। इतिहास में नालंदा को बौद्ध धर्म के विकास और बौद्धों की शिक्षा का केंद्र बताया गया है।
इस्तांबुल में हुई यूनेस्को की मीटिंग में नालंदा महाविहार के साथ चार अन्य देशों के प्रसिद्ध स्थान और कलाओं को विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। इसमें चीन की एक कलात्मक सांस्कृतिक लैंडस्केप भी शामिल है। नालंदा एक बड़ा बौद्ध मठ था और इसे ज्ञान के केंद्र के रूप में जाना जाता था। संभवत: यह विश्व का पहला आवासीय अंतराष्ट्रीय विश्वविद्यालय था। बाहरवीं शताबदी में बखितयार खिलजी की सेना ने इसे तहस-नहस कर दिया था। इससे पहले बिहार के महाबोधि मंदिर को यूनेस्को ने विश्व की विरासतों में शामिल किया है। आपको बता दें कि भारत में कुल 33 स्थान हैं जिन्हें विश्व की धरोहर घोषित किया जा चुका है।
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