30 हजार लोगों के साथ मोदी ने किया योगा, बताए योग के फायदे
अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री ने 30 हजार लोगों के साथ योगा किया और उन्हे योगा की महत्ता समझाई। ये दूसरा मौका है जब देश के पीएम ने अंतराष्ट्रीय योगा दिवस में भाग लिया हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग को जिंदगी का हिस्सा बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि योग हमारे पूर्वजों की विरासत है और यह अब जन सामान्य का आंदोलन बन चुका है। मोदी के साथ 30 हजार लोगों ने चंडीगढ़ में योग किया। योग करने के दौरान 150 दिव्यांग भी मौजूद थे।
योग में कोई भेद नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लेक्स पहुंचे लोगों को योग से पहले संबोधित करते हुए कहा कि योग मुक्ति का मार्ग और जीवन अनुशासन का अनुष्ठान है। मोदी ने कहा कि योग को अमीर-गरीब का भेद नहीं है। विद्वान और अनपढ़ का भेद नहीं है, योग कोई भी कर सकता है। योग दिवस को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा है कि योग आस्तिक व नास्तिक दोनों के लिए है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि योग से मन को शांति मिलती है। आज पूरी दुनिया में योग दिवस मनाया जा रहा है। देश के हर कोने में योग का कार्यक्रम हो रहा है। योग को समाज के हर तबके का समर्थन मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि योग मुक्ति का मार्ग तो है ही साथ में योग जीवन अनुसासन का अनुष्ठान भी है।
योग के लिए मिलेंगे पुरस्कार
मोदी ने कहा, ‘आज हम दूसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। भारत ने दुनिया को अमूल्य विरासत दी है। दुनिया ने इसे अपने तरीके से स्वीकार किया है। आज भारत सरकार की ओर से मैं दो पुरस्कारों की घोषणा कर रहा हूं। अगले साल जब 21 जून को योग दिवस मनाया जाएगा, तब भारत से दो पुरस्कारों के लिए चयन होगा।’ मोदी ने कहा, ‘एक पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा। यह उन लोगों के लिए होगा, जिन्होंने योग के क्षेत्र में शानदार काम किया है। दूसरा पुरस्कार उन लोगों के लिए होगा, जो इस क्षेत्र में देश के भीतर काम कर रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय योग पुरस्कार है और दूसरा राष्ट्रीय योग पुरस्कार है।’ योग करने के बाद प्रधानमंत्री ने समारोह में आए लोगों से बातचीत की। इनमें से कुछ लोगों ने तो उनके साथ सेल्फी भी ली। उन्होंने इस समारोह में शामिल होने वाले विक्लांग लोगों से भी मुलाकात की।
ये था ड्रेसकोड
योग समारोह में भाग लेने वाले प्रतिभागियों में रक्षा बलों के कर्मी, आईटीबीपी के जवान, पंजाब सशस्त्र पुलिस के जवान, पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र और स्कूली छात्र शामिल थे। इस बड़े आयोजन में योग आसन करने के लिए प्रतिभागी नीले और सफेद रंग की टीशर्ट और काले रंग के ट्राउजर पहनकर सुबह जल्दी ही आयोजन स्थल पर पहुंच गए थे। इस प्रमुख आयोजन में इस साल मुख्य जोर ‘दिव्यांगों’ (विकलांग लोगों) की भागीदारी पर था। प्रधानमंत्री मोदी ने विकलांगता का सामना कर रहे लोगों के लिए यह शब्द शुरू किया है। केपिटल कॉम्पलेक्स में लगभग 150 दिव्यांगों को योग आसन करने में मदद की गई। अधिकारियों ने कहा कि सहज प्रदर्शन के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे।
गौर हो कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने पिछले साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। मोदी ने जोर देकर कहा कि योग कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है। यह मन को काबू करता है और एक स्वस्थ शरीर को बरकरार रखता है। उन्होंने कहा कि योग ने लोगों की एक अनुशासित जिंदगी जीने में मदद की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में शिरकत की। मोदी ने कड़ी सुरक्षा के बीच आज यहां दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर 30,000 लोगों के साथ समारोह में शिरकत की। वहीं मोदी सरकार के 57 मंत्रियों ने अलग-अलग शहरों में योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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