लखनऊ में मोदी ने मनाया दशहरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बार दशहरा दिल्ली में नहीं बल्कि यूपी की राजधानी लखनऊ में मनाया। मोदी ने लखनऊ के ऐशबाग में होने वाली मशहूर रामलीला में शिरकत की। यहां पर मोदी ने आतंकवाद रूपी रावण के पुतले का दहन किया। इस पुतले पर लिखा था ‘आतंकवाद का समूल नाश हो’। रामलीला मैदान में पहुंचने के बाद मोदी ने मंच पर राम,लक्ष्मण और हनुमान बने कलाकारों की आरती की। इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। बता दें कि ऐशबाग में होने वाली रामलीला में हर साल बुराई को एक प्रतीक के तौर पर पेश किया जाता है। साल 2013 में बुराई को भ्रष्टाचार के तौर पर पेश किया गया था। 2014 में महिलाओं के खि़लाफ़ हिंसा जबकि बीते साल गोहत्या को बुराई का प्रतीक बनाया गया था। बहरहाल, यह पहला अवसर था जब यहां दशहरे के आयोजन में कोई प्रधानमंत्री शामिल हुए।। पारंपरिक रूप से इससे पहले के सभी प्रधानमंत्रियों ने राजधानी दिल्ली में ही रावण दहन में हिस्सा लिया है।
राजनाथ ने की राम और रावण के गुणों की तुलना
इस मौके पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भगवान राम और रावण के गुणों की तुलना की। उन्होंने कहा कोई भी व्यक्ति धन या बल होने से धनवान नहीं होता है। आगे कहा , रावण के पास राम से ज़्यादा ताकत थी लेकिन वह अपनी मर्यादा भूल गया था और यहीं उसके विनाश का कारण बना। राजनाथ ने इशारों ही इशारों में पाकिस्तान पर निशाना साधा।
राम नहीं बन पाए तो जटायु बनकर भूमिका अदा करें
इस कार्यक्रम में मोदी में गजब का उत्साह और जोश दिखाई दे रहा था। मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत ‘जय श्री राम’ कह कर की। इसके बाद उन्होंने ऐशबाग रामलीला मैदान में मौजूद लोगों को विजयादशमी की शुभकामना दी। मोदी ने जनता को नसीहत दी कि विजयादशमी के मौके पर अपनी बुराईयों को खत्म करने का संकल्प ले। आगे कहा , आज रावण का रूप बदल चुका है। मोदी ने रामायण के एक किस्से का जिक्र करते हुए पूछा सबसे पहले आतंकवाद के ख़िलाफ़ कौन लड़ा था, फिर उन्होंने ख़ुद ही बताया कि रामायण गवाह है कि सबसे पहले जटायु ने आतंकवाद का खात्मा किया था। आगे कहा, यदि हम राम न बन सके तो हमें जटायु की भूमिका अदा करनी चाहिए। इतना ही नहीं मोदी ने अपने भाषण में पाक को कड़े शब्दों में संदेश दिया। कहा कि , ”आतंकवाद को पनाह देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
मोदी को मिला ये ख़ास गिफ़्ट
मोदी को यहां पर दिलचस्प गिफ्ट दिए गए। ऐशबाग रामलीला समिति की ओर से मोदी को धनुष-बाण, गदा और सुदर्शन चक्र और रामचरितमानस भेंट किया गया। यहां तक की समिति मोदी को मुकुट न पहनाकर पगड़ी भी पहनाई।
यूपी इलेक्शन का दिख रहा असर
नरेंद्र मोदी के लखनऊ दौरे पर सियासत तेज हो गई है। पीएम मोदी की इस यात्रा को अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि बीजेपी कह रही है कि पीएम के आने के पीछे न तो राजनीति है, न ही सर्जिकल स्ट्राइक का विजय जश्न। वहीं दूसरी ओर विपक्ष पार्टियों के बीच इसकी चर्चा जोरों पर है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह समझ से परे है कि प्रधानमंत्री इस बार दिल्ली के बजाय लखनऊ में दशहरा मनाने क्यों जा रहे हैं। बता दें कि लखनऊ वर्तमान में केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है। राजनाथ के नेतृत्व में पार्टी अंतिम बार 2002 में यहां सत्ता में आई थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया था।