नोटबंदी असर, नितीश नहीं राहुल होंगे पीएम पद के उम्मीदवार
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नोटबंदी के बाद से पूरे देश में हलचल मची हुई है। आम जीवन को प्रभावित करने वाला कोई भी क्षेत्र मोदी सरकार के इस फ़ैसले से अछूता नहीं रहा। तो फिर ऐसे में राजनीति कैसे अछूती रहती। नोटबंदी के एलान के बाद से ही सियासत गरमा गई है। इसी दौरान जो भी नेता या पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करते दिखे उससे विपक्ष का माहौल बिगड़ने लगा और परिणाम यह हुआ कि विपक्ष पार्टियों में मतभेद और तनाव की स्थिति बनने लगी। यह नोटबंदी का ही असर है कि विपक्ष ने अभी से 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए दांव खेलना शुरू कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो नोटबंदी के बाद कांग्रेस ने अभी से 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में पीएम पद के लिए राहुल गांधी का नाम तय कर लिया है। कांग्रेस ने कहा है कि अगले लोकसभा चुनावों के दौरान समान राजनीतिक सोच वाले दलों को मोर्चा बना तो राहुल गांधी ही पीएम पद के उम्मीदवार होंगे, न कि नितीश कुमार। बता दें कि जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी नोटबंदी का विरोध कर रही है, वहीं जदयू नेता और बिहार के सीएम नितीश कुमार इस मुद्दे पर खुले तौर पर पीएम मोदी का समर्थन करते नज़र आ रहे हैं।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहा कि, एक ही गठबंधन से 2 नेता (राहुल गांधी और नीतीश कुमार) प्रधानमंत्री पद के दावेदार बनकर बिहार की जनता का वोट नहीं मांग सकते हैं।’ अपनी बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि, कांग्रेस किसी भी स्थिति में लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद पर मिलने वाली चुनौती स्वीकार नहीं कर सकती है। कांग्रेस को आशंका है कि अगले लोकसभा चुनावों को देखते हुए नितीश ऐसा बर्ताव कर रहे हैं, लेकिन पार्टी राहुल गांधी को पीएम पद के लिए आगे करने के अपने फै़सले से पीछे नहीं हटेगी।
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