सुपरस्टार रजनीकांत की ये बातें उन्हें बनाती है ‘थलाइवा’
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रजनीकांत ने 19 मार्च 1970 को बस चालक राजा बहादुर के साथ बस कंडक्टर की नौकरी शुरू की थी। जिस तरह आज हम उनकी फिल्मों के दीवाने हैं उसी तरह उस दौर में लोग उनकी कंडक्टरी के दीवाने थे। उस दौर में यात्री सड़क पर उनकी बस का इंतज़ार करते थे। लोग उनके टिकट काटने और खुल्ले पैसे लौटाने के अंदाज़ से प्रभावित रहते थे।
इस किताब में बताया है कि ‘‘बस यात्रियों को टिकट देने में रजनीकांत से तेज कोई नहीं था। रजनीकांत जिस बस में होते थे वो बस भी कभी खाली नहीं जाती थी।’’ रजनीकांत ने एक इंटरव्यू में कहा था ‘‘मैं साधारण इंसान हूं। बस कंडक्टर से पहले मैं दफ्तर में काम करता था, कुली था और बढ़ई का काम भी कर चुका था।’’
रजनीकांत ने ये भी बताया कि ‘‘बस कंडक्टर की ड्यूटी खत्म हो जाने पर वे घर जाकर थोड़ी देर आराम करते थे। इसके बाद वे हनुमंत नगर जहां उनका दोस्त और बस चालक राजा बहादुर रहता था उनके घर पहुंचते थे। वहां से दोनों नाटकों के अभ्यास के लिए निकल जाते थे जिनका आयोजन वे समय-समय पर बीटीएस संघ के बैनर तले करते थे।
रजनीकांत को शुरू से ही एक्टिंग का शौक था। वे शिवाजी गणेशन को देखकर उनकी नकल करने की कोशिश किया करते थे। यहीं कारण था कि उन्हें नाटकों में काम करने का मौका मिला था। उनका यह शौक धीरे-धीरे जुनून में बदल गया। उन्होंने अपना पूरा ध्यान एक्टिंग पर ही लगाया। अपने सारे काम छोड़कर उन्होंने ‘मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट’ में दाखिला लिया और एक्टिंग का कोर्स किया।
इंस्टिट्यूट के एक स्टेज शो के दौरान तमिल के मशहूर फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर की नज़र रजनीकांत पर पड़ी और वो रजनीकांत से इतना प्रभावित हुए कि वहीं उन्हें अपनी फिल्म में एक कैरेक्टर निभाने का ऑफर दे डाला और रजनीकांत को तमिल सीखने के लिए प्रेरित किया जिस पर रजनीकांत ने तुरंत हामी भर दी।
इस फिल्म में रजनीकांत को एक छोटा सा रोल मिला था इसलिए रजनीकांत पर किसी का ध्यान ही नहीं गया। जिस रजनीकांत को आप आज सुपरहीरो के रूप में जानते है उन्होंने अपने शुरूआती दिनों में विलेन के किरदार निभाए थे लेकिन इन सबसे उबरकर उन्होंने एक हीरो के रूप में अपनी पहचान बनाई।
रजनीकांत निर्देशक के. बालाचंदर को अपना गुरू मानते है पर उन्हें असली पहचान साल 1977 में आई निर्देशक एस.पी. मुथुरामन की फिल्म ‘चिलकम्मा चेप्पिंडी’ से मिली। इसके बाद एस. पी. की ही अगली फिल्म ‘ओरू केल्विकुर्री’ में वे पहली बार हीरो के रूप में सामने आए। इसके बाद रजनीकांत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रजनीकांत ने साउथ की कई भाषाओं में जैसे मलयालम और कन्नड़ भाषा की फिल्मों में काम किया है। 1983 में उन्होंने अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म ‘अंधा कानन’ में हेमा मालिनी और अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था। वे हॉलीवुड की फिल्मों में भी काम कर चुके है। इन दिनों वे अपनी फिल्म 2.0 पर काम कर रहे है।
सुपरस्टार रजनीकांत की वाइफ के बारे में कम ही लोग जानते है। इनकी वाईफ लता रंगचारी से उनकी मुलाकात एक कॉलेज मैग्जीन के इंटरव्यू के दौरान हुई थी। लता एथिराज कॉलेज फॉर वुमन की स्टूडेंट थी। इसी मुलाकात के बाद दोनो दोस्त बने और फिर दोनों ने 26 फरवरी 1981 को शादी कर ली। रजनीकांत की दो बेटियां ऐश्वर्या और सौंदर्या है।
सुपरस्टार रजनीकांत के बारे में कुछ इंट्रेस्टिंग बातें है जो हम आपको बताने जा रहे हैं :-
1. रजनीकांत अपनी हर फिल्म के बाद हिमालय आते है। यहां आकर वे छोटे-छोटे गांवों में रहकर शांति पाते है।
2. रजनीकांत काफी उदार भी है अगर उनकी कोई फिल्म नहीं चलती तो वे वितरकों को अपनी जेब से पैसा देकर नुकसान की भरपाई करते है।
3. रजनीकांत वक्त के बड़े पाबंद है। वे अपने शूट या किसी भी इवेंट पर सही टाइम पर पहुंचते है और किसी को इंतज़ार नहीं करवाते।
4. रजनीकांत को अपनी कार खुद ही चलाना पसंद है।
5. रजनीकांत अपने पुराने दिन कभी नहीं भूलते शायद इसलिए उन्हें पुरानी चीज़ों जैसे पुराने कपड़े, कारों से बहुत लगाव है।
6. रजनी आज सुपरस्टार है लेकिन वे खुद को पहला ब्रेक देने वाले के. बालाचंद्र को कभी नहीं भूलते उन्हें अपना गुरू माने है।
7. रजनीकांत को पढ़ने का शौक है। वे अक्सर धर्म, अध्यात्म और साइंस आदि से सबंधित किताबें पढ़ते है।
8. इतने बड़े स्टार होने के बावजूद भी वे सादगी भरा जीवन जीते है। उन्हें धोती कुर्ता पहनना पसंद है। सोते समय मुंह पर गीला कपड़ा डालते है।
9. रजनीकांत हर किसी से बड़े प्यार से मिलते है। वो हर सबको अपना मानते है।
10. रजनीकांत की जन्मदिन की पार्टी से लौटने के दौरान उनके तीन फैन्स की मौत हो गई थी। इस हादसे के कारण वे अपना जन्मदिन तक नहीं मनाते।
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