DU और JNU प्रोफेसर के ख़िलाफ़ दर्ज हुआ हत्या का केस
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छत्तीसगढ़ के सुकमा में एक आदिवासी की हत्या के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर नंदिनी सुन्दर और जेएनयू प्रोफेसर अर्चना प्रसाद के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है। आईजी कल्लूरी ने बताया कि ग्राम नामा के ग्रामीणों की शिकायत पर दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉ.नंदिनी सुंदर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद, रायपुर के सीपीएम नेता संजय पराते, विनीत तिवारी, मंजू कवासी तथा मंगलराम कर्मा के ख़िलाफ़ भादवि की धारा 302, 120 बी, 147, 148, 149, 352 तथा 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत तोंगपाल थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इसी के साथ पुलिस ने अपनी जांच भी शुरू कर दी है। बस्तर रेंज के आईजी एसआरपी कल्लूरी के अनुसार चार नवंबर को कुछ हथियारबंद नक्सलियों ने शामनाथ बघेल नामक आदिवासी ग्रामीण की हत्या कर दी थी। पिछले काफ़ी समय से बघेल नक्सलियों के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे थे।
बता दें कि महज़ कुछ महीने पहले डीयू और जेएनयू प्रोफेसरों के दल ने दरभा ब्लॉक के कुमाकोलेंग व नामा गांवों का दौरा किया था। नंदिनी पर आरोप था कि उन्होंने छद्म नाम से पत्रकार बनकर दौरा किया था। बाद में ग्रामीणों ने दरभा थाने पहुंच लिखित शिकायत दी थी कि इस दल ने नामा व कुमाकोलेंग के ग्रामीणों को नक्सलियों का साथ देने के लिए उकसाया व धमकी दी कि ऐसा नहीं किया तो नक्सली उनका घर जला देंगे। हालांकि उस समय भी ग्रामीणों ने उस प्रोफेसरों पर मुकदमा दर्ज करने व उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।
नंदिनी और अर्चना की शिकायत की थी बघेल ने
दो दिन पहले शुक्रवार की रात नक्सलियों ने नामा गांव में आदिवासी नेता सामनाथ बघेल की हत्या कर दी। उसकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने नंदिनी व अन्य के खिलाफ थाने में शिकायत की थी। इस घटना के बाद से ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया था और दो दिनों से लगातार प्रदर्शन हो रहा था। वहीं दूसरी ओर नंदिनी ने इस मामले को पुलिस की साजिश बताया है।
बघेल की पत्नी को मिल रही हैं धमकियां
बघेल की पत्नी के अनुसार नक्सलियों की ओर से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं और इन्हीं धमकियों के मद्देनज़र ग्रामीणों ने इसी साल अप्रैल में अपनी सुरक्षा के लिए तांगिया नाम का एक ग्रुप बनाया है।
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