झारखंड विधानसभा में हंगामा, स्पीकर पर फेंकी गई कुर्सियां
- - Advertisement - -
आज झारखंड विधानसभा में कार्रवाही के दौरान विपक्षी विधायकों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा इतना जोरदार था कि स्पीकर दिनेश उरांव पर कुर्सी और जूते से हमला किया गया। विधायकों ने स्पीकर के सामने रखी संशोधन की कॉपी को भी फाड़ दिया। इतना ही नहीं जेएमएम के विधायक पौलस सुरीन ने मार्शल के साथ हाथापाई की।
-हंगामे और मारपीट के बाद विधानसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। बता दें कि विधानसभा में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन बिल पेश किए जाने की बात पर हंगामा हुआ था। विपक्ष का आरोप था कि इस बिल में संशोधन के ज़रिए आदिवासियों और मूलवासियों के जमीन को लूटने का मार्ग तैयार किया जा रहा है। हालांकि बाद में यह संशोधन विधेयक पास हो गया।
एक नज़र सीएनटी-एसपीटी पर
-सीएनटी-एसपीटी में आदिवासियों की भूमि के लिए बनाया हुआ एक कानून है। 3 मई को सीएनटी (छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट) और एसपीटी (संथाल परगना टेनेंसी) में संशोधन का प्रस्ताव झारखंड कैबिनेट की बैठक में पास किया गया था।
-इन दोनों प्रावधानों में संशोधन के तहत जमीन मालिक को अपनी भूमि में परिवर्तन का अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही मालिक अपनी कृषि के अलावा अपनी जमीन का उपयोग व्यावसायिक कार्यों के लिए भी कर सकेंगे। इससे उनको कारोबारी रेंट भी मिलेगा।
-बता दें कि अब तक आदिवासी अपनी भूमि किसी और को नहीं बेच सकते। वे केवल किसी थाना क्षेत्र में ही किसी आदिवासी से जमीन खरीदी-बिक्री कर सकते हैं। एक्ट में किए गए संशोधन के तहत थाने की बंदिश खत्म हो जाएगी।
-अब इस जमीन का उपयोग अन्य योजना जैसे आधारभूत संरचना, सड़क, ऊर्जा (ट्रांसमिशन लाइन) परिवहन, संचार के लिए भी किया जा सकेगा। यदि किसी काम के लिए अनुसूचित जनजाति की जमीन ली जाती है तो उसका उपयोग पांच साल के भीतर अनिवार्य रूप से करना होगा। लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो वह जमीन जिस परिवार से ली गई है, उसे वापस कर दी जाएगी। साथ ही जमीन के एवज में दिया गया मुआवजा भी वापस नहीं होगा।
-संशोधन के अनुसार जमीन मालिक का मालिकाना हक उसकी जमीन पर बना रहेगा।
- - Advertisement - -
- - Advertisement - -