भारत ने रचा इतिहास, इसरो ने लांच किया देश का पहला मेड इन इंडिया स्पेस शटल
सोमवार सुबह श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से करीब 11 टन वजन वाले रॉकेट का प्रक्षेपण हो गया। स्वदेशी तकनीक से बने इस शटल का परीक्षण सफल रहा। भारत ने पहली बार स्वदेशी यूजेबल लांच कर दिया। इस प्रोटोटाइप प्रक्षेपण के जरिए इसरो ने अपनी इस नई तकनीक का प्रक्षेपण किया। परीक्षण के दौरान आरएलवी फिर से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर गया और इसका अंतिम संस्करण आने में कम से कम 10 से 15 साल लगेंगे।
इसरो के चेयरमेन किरण कुमार ने कहा है कि इसरो इस परीक्षण को लेकर काफी उत्साहित है। उन्होंने आएएलवी के बारे में कहा है कि ये आवश्यक रूप से भारत की ओर से अंतरिक्ष के लिए आधारभूत ढांचे की लागत में कमी लाने का प्रयास है।
इसरो ने इसे विमान की तरह इसे डेल्टा विंग के रूप में तैयार किया। स्पेस में जाने के बाद ये धरती पर एक एयरक्राफट की तरह उतर सकेगा। इस यान को स्पेस में मानव मिशन के दौरान भी इस्तेमाल में लाया जाएगा। इसरो प्रमुख ने कहा है कि परीक्षण के दौरान इस हाइपरसॉनिक टेस्ट फलाइट को एक रॉकेट के साथ सीधा जोड़ा गया। इस पूरे परीक्षण में पूरे दस मिनट का समय लगा।