नई दिल्ली। जेएनयू के छात्रों के बाद अब वहां के शिक्षक भी छात्रों के साथ हड़ताल पर उतर आए हैं। जेएनयू के शिक्षक आज देशद्रोह के मामले में विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के विरोध में छात्रों द्वारा किए जा रहे कक्षाओं के बहिष्कार में शामिल हो गए हैं। उनका कहना है कि वे विश्वविद्यालय के लॉन में छात्रों की राष्ट्रवाद की कक्षाएं लेंगे। आपको बता दें कि सोमवार को छात्र जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई और उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला हटाने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे।
इसलिए शिक्षक हुए हड़ताल में शामिल
सोमवार को पटियाला हाउस अदालत परिसर में कन्हैया की पेशी के दौरान दस शिक्षकों और एक छात्र समूह पर हमला किया गया था जिसके बाद शिक्षक संघ ने कक्षाओं के बहिष्कार में छात्रों के साथ शामिल होने का फैसला किया।
40 यूनिवर्सिटी उतरी समर्थन में
देश की 40 केंद्रीय यूनिवर्सिटी के शिक्षक भी अब जेएनयू के छात्रों के समर्थन में उतर आए हैं। इसमें पुणे स्थित एफटीआईआई के शिक्षक भी शामिल हैं। उनका मानना है कि ये मामला अनुशासनहीनता का है न कि देशद्रोह का।
400 इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने की निंदा
इसके अलावा लगभग 400 यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने भी इस मामले की निंदा करते हुए जेएनयू के छात्रों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर की है। उन सभी का मानना है कि जेएनयू के छात्रों ने जो भी किया वो अवैध नहीं था। इस निरंकुशता के लिए उन्हें निलंबित किया जा सकता था। लेकिन इसे देशद्रोह का मामला बनाना ठीक नहीं है। निंदा करने वाले शिक्षकों में कोलंबिया, येल, हार्वर्ड, कैम्ब्रिज, ऑक्सफोर्ड, एसओएएस, टोरंटो, मैकगिल, किंग्स कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के शिक्षक शामिल हैं।