अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत कोठारी मोहनदास संदिग्ध परिस्थितों में ट्रेन से लापता हो गए। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को देर रात वे मुंबई के लिए हरिद्वार से 1 बजकर 55 मिनट पर रवाना हुए। उनके सहयोगी खुद उन्हें ट्रेन से रवाना करके आए हैं, लेकिन इसके बाद उनका कुछ पता नहीं है। रात से ही उनका मोबाइल भी बदं आ रहा है। उन्हें आखिरी बार निजामुद्दीन स्टेशन पर देखा गया है, लेकिन इसके बाद से उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। कनखल पुलिस को मामले की जानकारी दे दी गई है। घटना के सामने आने पर पुलिस और प्रशासन में खलबली मच गई है। महंत मोहनदास को तलाशने में पुलिस पूरी तरह से जुट गई है।
अखाड़ों के साधुओं के अनुसार वह मुंबई के लिए एलटीटी ट्रेन से रवाना हुए थे , जो शाम छह बजे हरिद्वार से चलती है, लेकिन शुक्रवार को ट्रेन लेट हो गई, जिस वजह से रात दो बजे यहां से चली। सूत्रों के अनुसार टीटी ने भी उनकी सीट पर किसी को नहीं देखा, जबकि उनका सामान वहीं पड़ा था। हां, एक छोटा सा बैग जो अक्सर उनके साथ रहता था, बस वो वहां नहीं था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी महाराज ने बताया है कि जब से सरकार ने फर्जी साधुओं की लिस्ट जारी की थी, तब से अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहनदास को धमकियां मिल रही थीं। उन्हें लेकर सरकार से लेकर संत समाज सक्रीय है, लेकिन अभी तक उनके मिलने की कोई खबर नहीं है।
अखाड़ा की तरफ से बताया जा रहा है कि महंत मोहनदास इलाज के लिए मुम्बई जा रहे थे। श्री पंचायती अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेन्द्र गिरी का कहना है कि वे फर्जी संतों की एक ऐसी ही एक और सूची जारी करने वाले थे। इसके बाद उन्हें और महंत मोहनदास को धमकी भरे फोन आने लगे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि फर्जी संतों द्वारा इस काम को अंजाम दिया होगा। खबर के अनुसार उनके इंदौर के राधे-राधे आश्रम में होने की खबर मिली है।